देहरादून में महिला के पेट में पट्टी का गोज छोड़े जाने का मामला, जांच शुरू होते ही नर्सिंग होम का लाइसेंस रद्द, इलाज में लापरवाही से गई जान

देहरादून। राजधानी देहरादून के आराघर स्थित एक नर्सिंग होम पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगा है। बताया जा रहा है कि यहां इलाज के दौरान…

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देहरादून। राजधानी देहरादून के आराघर स्थित एक नर्सिंग होम पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगा है। बताया जा रहा है कि यहां इलाज के दौरान एक महिला के पेट में ऑपरेशन के समय पट्टी का गोज छोड़ दिया गया, जिसके चलते उसकी जान चली गई। इस मामले को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने सख्त रुख अपनाया है और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर मनोज शर्मा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की गई है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज शर्मा ने बताया कि दीपावली के दिन यह शिकायत प्राप्त हुई थी कि कुछ लोग नर्सिंग होम के बाहर महिला का शव रखकर हंगामा कर रहे हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए सीएमओ कार्यालय से एसीएमओ को मौके पर भेजा गया। जांच के दौरान यह सामने आया कि जनवरी माह में इसी नर्सिंग होम की डॉक्टर ने ज्योति नाम की महिला का सिजेरियन ऑपरेशन किया था। ऑपरेशन के करीब नौ महीने बाद महिला को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें शुरू हुईं, जिसके बाद वह दोबारा इसी नर्सिंग होम में इलाज कराने पहुंची।

डॉक्टरों ने महिला की क्लीनिकल जांच करवाई और रिपोर्ट आने के बाद उसे एक बड़े अस्पताल में रेफर कर दिया। वहां उसका दोबारा ऑपरेशन हुआ, लेकिन दुर्भाग्य से उसकी दो दिन बाद मौत हो गई। मृतका के पति का आरोप है कि दूसरे अस्पताल में ऑपरेशन के दौरान महिला के पेट से पट्टी का गोज निकला, जो जनवरी में हुए सिजेरियन ऑपरेशन के समय पेट में ही रह गया था।

मामले की गंभीरता और बढ़ते जन आक्रोश को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए नर्सिंग होम का लाइसेंस अग्रिम आदेशों तक निरस्त कर दिया है। वहीं, जांच के लिए गठित समिति में एसीएमओ डॉ. प्रदीप राणा, कोरोनेशन अस्पताल के सर्जन डॉ. आर.के. टम्टा और वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मेघना असवाल को शामिल किया गया है।

शुक्रवार से जांच समिति ने काम शुरू कर दिया है। रिपोर्ट आने के बाद स्वास्थ्य विभाग आगे की कार्रवाई करेगा। फिलहाल, शहर में इस घटना को लेकर लोगों में गुस्सा और नाराजगी दोनों देखी जा रही है।