अल्मोड़ा। जिले के जिला अस्पताल से दो विशेषज्ञ डॉक्टरों के तबादले के आदेश ने शहर में बवाल खड़ा कर दिया है। लोगों में नाराजगी साफ झलक रही है, वहीं कांग्रेस ने सरकार पर जनविरोधी फैसले लेने का आरोप लगाते हुए आंदोलन की घोषणा कर दी है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) अल्मोड़ा द्वारा जारी आदेश के मुताबिक बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. मनीष पंत और स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. कविता मंगोली को चौखुटिया के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अग्रिम आदेश तक तैनात किया गया है। यह आदेश 23 अक्टूबर 2025 को जारी हुआ है।
सरकार के इस फैसले के बाद अल्मोड़ा विधायक मनोज तिवारी ने कड़ा विरोध जताया है। अल्मोड़ा विधायक मनोज तिवारी ने कहा कि जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में वैसे ही विशेषज्ञ डॉक्टरों की भारी कमी है। कहा कि अब जबकि मुश्किल से कुछ विशेषज्ञ तैनात हुए थे, सरकार ने उन्हें भी यहां से हटा दिया। यह अल्मोड़ा की जनता के साथ सीधा धोखा है। तिवारी ने कहा कि अल्मोड़ा जिला अस्पताल पर न सिर्फ नगर, बल्कि आसपास के सैकड़ों गांवों के लोग इलाज के लिए निर्भर हैं। अगर यहां से महिला रोग और बाल रोग विशेषज्ञ भेज दिए गए, तो गर्भवती महिलाओं और बच्चों को इलाज में भारी परेशानी होगी।
विधायक ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार चौखुटिया में चल रहे आंदोलन को शांत करने के लिए अल्मोड़ा से डॉक्टर भेज रही है ताकि राजनीतिक वाहवाही लूटी जा सके। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर आदेश वापस नहीं लिया गया तो चौखुटिया जैसा आंदोलन अब अल्मोड़ा में भी देखने को मिलेगा। वहीं कांग्रेस जिलाध्यक्ष भूपेंद्र भोज ने कहा कि सरकार का यह कदम अल्मोड़ा की जनता के साथ अन्याय है। उन्होंने बताया कि 25 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे पांडेखोला स्थित सीएमओ कार्यालय का घेराव किया जाएगा।
स्थानीय लोगों ने भी तबादले के आदेश पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि जिला अस्पताल में पहले से ही कई विभाग बिना विशेषज्ञों के चल रहे हैं, ऐसे में अब दो और विशेषज्ञों के चले जाने से स्वास्थ्य सेवाएं ठप पड़ जाएंगी।
लोगों का कहना है कि अल्मोड़ा जिला अस्पताल ही पूरे इलाके का सहारा है। यहां से अगर विशेषज्ञ चले जाएंगे तो आम लोगों को बुनियादी इलाज के लिए भी हल्द्वानी या देहरादून तक जाना पड़ेगा। विधायक मनोज तिवारी ने कहा कि अगर सरकार ने यह आदेश वापस नहीं लिया तो वे अल्मोड़ा की जनता के हित में बड़ा आंदोलन करेंगे और इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार और मुख्य चिकित्सा अधिकारी की होगी।
