छठ पूजा पर घर लौटने की तैयारी में जुटे प्रवासी, रेलवे ने देशभर में किए विशेष इंतज़ाम

छठ पूजा का समय नज़दीक आते ही बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लाखों प्रवासी अपने घरों की ओर लौटने लगे हैं। घाटों की…

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छठ पूजा का समय नज़दीक आते ही बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लाखों प्रवासी अपने घरों की ओर लौटने लगे हैं। घाटों की सफाई, प्रसाद की तैयारी और पूजा सामग्री की खरीद के बीच पूरा माहौल छठमय हो गया है। वहीं, रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है।

बढ़ती भीड़ को देखते हुए भारतीय रेलवे ने इस साल विशेष इंतज़ाम किए हैं ताकि कोई भी यात्री अपने घर पहुंचने से वंचित न रह जाए। देशभर में पूर्वी रेलवे से लेकर विशाखापत्तनम और अंबाला तक, सभी जोन ने अतिरिक्त ट्रेनें चलाई हैं, हॉल्डिंग एरिया तैयार किए हैं और 24 घंटे निगरानी के लिए वॉर रूम बनाए हैं।

पूर्वी रेलवे ने बताया कि इस बार कुल 136 ट्रेनें चलाने का फैसला लिया गया है, जिनमें 8 विशेष ट्रेनें भी शामिल हैं। सियालदाह और कोलकाता जैसे व्यस्त स्टेशनों पर यात्रियों की सुविधा के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। सीनियर डीआरएम जसराम मीना ने बताया कि “छठ के लिए तैयारियां महीनों पहले शुरू कर दी जाती हैं। इस बार यात्रियों के लिए पर्याप्त पानी, टिकटिंग और बैठने की व्यवस्था की गई है। लाइन में एम-यूटीएस (मोबाइल अनरिज़र्व्ड टिकटिंग सिस्टम) के कर्मचारी भी तैनात रहेंगे।”

अंबाला रेलवे स्टेशन का निरीक्षण करते हुए रेल राज्यमंत्री रवीनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि किसी भी स्टेशन पर ट्रेनों की कमी नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि “छठ पूजा से पहले हर यात्री को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए रेलवे पूरी तरह तैयार है।”

इधर, दक्षिण भारत में विशाखापत्तनम डिविजन ने भी बड़े स्तर पर इंतज़ाम किए हैं। डीआरएम ललित बोहरा के अनुसार, इस समय यात्रियों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया कि “देशभर में 12,000 से अधिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं। विशाखापत्तनम डिविजन में ही 209 विशेष ट्रेनें संचालित की जा रही हैं, जिनमें 67 ट्रेनें इसी डिविजन से शुरू हो रही हैं, जबकि बाकी विभिन्न मार्गों पर रुकेंगी। इसके अलावा 600 से ज्यादा अतिरिक्त कोच जोड़े गए हैं।”

छठ पूजा का शुभारंभ 25 अक्टूबर को नहाय-खाय से होगा। इसके बाद खरना, संध्या अर्घ्य और अंत में उषा अर्घ्य का आयोजन होगा। इस पर्व में पवित्रता, अनुशासन और श्रद्धा का विशेष महत्व होता है।