रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड में सड़क हादसों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। दीपावली की खुशियों के बीच रुद्रप्रयाग से एक दर्दनाक खबर सामने आई है। केदारनाथ हाईवे पर एक युवक की स्कूटी सड़क किनारे खड़े लोडर से टकरा गई, जिसमें उसकी मौके पर ही मौत हो गई। हादसे की खबर जैसे ही गांव पहुंची, पूरे क्षेत्र में मातम छा गया।
जानकारी के मुताबिक, मंगलवार यानी 21 अक्टूबर को धनपुर पट्टी के वीरों गांव निवासी 29 वर्षीय पंकज सिंह नेगी पुत्र सते सिंह नेगी दीपावली का त्योहार मनाने के बाद अपने गांव से अगस्त्यमुनि स्थित एल एंड टी कंपनी में काम पर लौट रहा था। तभी केदारनाथ हाईवे पर तिलवाड़ा के पास जीएमवीएन गेस्ट हाउस के सामने उसकी स्कूटी अचानक सड़क किनारे खड़े लोडर से जा टकराई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि पंकज के सिर और चेहरे पर गंभीर चोटें आईं और वह मौके पर ही गिर पड़ा।
हादसे के बाद आसपास मौजूद लोगों ने तुरंत घायल युवक को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अगस्त्यमुनि पहुंचाया। जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद शव को जिला अस्पताल रुद्रप्रयाग लाया गया, जहां पोस्टमार्टम की कार्रवाई की गई। पंकज की मौत की खबर जैसे ही धनपुर पट्टी पहुंची, वहां शोक की लहर दौड़ गई। ग्रामीणों के अनुसार, पंकज मिलनसार और मेहनती युवक था, जिसकी असमय मौत ने सभी को झकझोर दिया है।
अगस्त्यमुनि थाना प्रभारी कुलदीप पंत ने बताया कि युवक स्कूटी में अकेले सवार था और वह एल एंड टी कंपनी का कर्मचारी था। घटना के बाद कंपनी को भी सूचित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि युवक के सिर और मुंह पर गंभीर चोट आने की वजह से उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
गौरतलब है कि केदारनाथ हाईवे पर यह कोई पहला हादसा नहीं है। बीती 5 अक्टूबर को भी काकड़ागाड़ के पास एक कार पर पहाड़ी से पत्थर गिर गए थे, जिससे कार अनियंत्रित होकर मंदाकिनी नदी किनारे जा पहुंची थी। उस हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी जबकि पांच लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे।
इसी तरह चमोली जिले में भी हाल ही में थराली-डूंगरी मोटर मार्ग पर एक टाटा सूमो अनियंत्रित होकर खाई में गिर गई थी। गनीमत रही कि उसमें सवार 10 लोगों को समय रहते पुलिस और ग्रामीणों ने रेस्क्यू कर लिया। बताया गया कि सूमो चालक नशे में धुत होकर वाहन चला रहा था।
लगातार हो रहे सड़क हादसों ने प्रदेश में सड़क सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। दीपावली जैसे पर्व के बाद ऐसे हादसे न केवल परिवारों की खुशियां छीन लेते हैं, बल्कि प्रशासन के लिए भी चेतावनी साबित हो रहे हैं।
