देहरादून। उत्तराखंड में दीपावली की जगमग रात कई लोगों के लिए आफत बनकर आई। पूरे प्रदेश में आतिशबाजी के बीच 66 जगहों पर आग लगने की घटनाएं दर्ज की गईं। इनमें सबसे ज्यादा मामले राजधानी देहरादून से सामने आए। हालांकि राहत की बात यह रही कि किसी भी घटना में जनहानि नहीं हुई। लेकिन लाखों रुपये का सामान राख हो गया।
राजधानी देहरादून में फायर बिग्रेड की टीमें रातभर अलर्ट रहीं। यहां शहर में 12 जबकि जिलेभर में कुल 24 स्थानों पर आग लगने की घटनाएं हुईं। कहीं दुकानों में शॉर्ट सर्किट से आग भड़की तो कहीं आतिशबाजी की चिंगारी से घर और कबाड़ की दुकानों में लपटें उठीं। धर्मावाला, निरंजनपुर, हरभज मेहूवाला, चंद्रबनी, राजीव नगर और नेहरू ग्राम समेत कई इलाकों में फायरकर्मी लगातार आग पर काबू पाने में जुटे रहे।
ऋषिकेश में भी दीपावली की रात कई जगहों पर आग ने कहर बरपाया। विनोद विहार गली नंबर 8 में मीटर फटने से आग लगी। जबकि गुमानीवाला में पेड़, देहरादून रोड पर कबाड़ी की दुकान और खाली प्लॉट में आग भड़क गई। हरिपुर कला में खड़ी कार आग की लपटों में घिर गई। लेकिन गनीमत रही कि कार में कोई सवार नहीं था। हर जगह फायर सर्विस की टीमों ने समय रहते आग को बुझाकर बड़ी दुर्घटनाओं को टाल दिया।
डोईवाला और डाकपत्थर में भी पटाखों से लगी आग ने नुकसान पहुंचाया। डाकपत्थर में एसबीआई बैंक के पास ग्राम प्रधान के प्लॉट में रखे कबाड़ में आग लगी। जिसे फायर यूनिट ने फैलने से पहले ही काबू में कर लिया। वहीं टिहरी में एमआईटी कॉलेज के पास मकान में आग लगी। लेकिन स्थानीय लोगों ने आग फैलने से पहले ही बुझा दी।
फायर उपनिदेशक संदीप राणा के मुताबिक दीपावली की रात प्रदेशभर में कुल 66 आगजनी की घटनाएं दर्ज की गईं। इनमें देहरादून में 24, हरिद्वार में 14, नैनीताल में 7, उधम सिंह नगर में 8, टिहरी में 5, चंपावत में 3, चमोली और पिथौरागढ़ में एक-एक घटना शामिल रही। राणा ने बताया कि सभी स्थानों पर दमकल विभाग ने तत्काल कार्रवाई कर आग पर काबू पाया और किसी भी तरह की जनहानि नहीं हुई।
चंपावत जिले के टनकपुर में आतिशबाजी ने दो दुकानों को जलाकर राख कर दिया। बताया जा रहा है कि रात को आसमान से गिरे एक रॉकेट की चिंगारी ने माला और बिसात खाने की दुकानों में आग लगा दी। आग इतनी तेज थी कि दोनों दुकानें कुछ ही मिनटों में जलकर खाक हो गईं। स्थानीय लोगों और फायर यूनिट की मदद से आग को मेला क्षेत्र में फैलने से पहले बुझा लिया गया। दुकानदारों ने प्रशासन से नुकसान का मुआवजा देने की मांग की है।
दीपावली की यह रात जहां रोशनी और खुशियों का प्रतीक होती है। वहीं कई परिवारों के लिए यह राख में तब्दील हो गई। आग से भले ही किसी की जान नहीं गई। लेकिन संपत्ति के नुकसान ने कई लोगों के चेहरे की चमक फीकी कर दी।
