नई दिल्ली बेरोजगार युवाओं और गिग इकोनॉमी में काम करने वालों के लिए बड़ी खबर है। भारत सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय ने जोमैटो के साथ मिलकर एक नई पहल की है। इसका मकसद रोजगार के अवसर बढ़ाना और गिग वर्कर्स के लिए कमाई के आसान रास्ते तैयार करना है। इस साझेदारी के तहत जोमैटो हर साल करीब 2.5 लाख नौकरियां नेशनल करियर सर्विस पोर्टल पर लिस्ट करेगा। यह पोर्टल नौकरी चाहने वालों और कंपनियों के बीच पुल का काम करता है। अब जो लोग डिलीवरी पार्टनर या अन्य फ्लेक्सिबल काम करना चाहते हैं वे सीधे इस सरकारी पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकेंगे।
इस समझौते का ऐलान नई दिल्ली में केंद्रीय श्रम मंत्री डॉ मनसुख मांडविया और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में हुआ। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह पहल गिग इकोनॉमी में काम करने वालों को औपचारिक रोजगार व्यवस्था से जोड़ने में मदद करेगी। उन्होंने बताया कि 2015 में शुरू हुआ NCS पोर्टल अब तक 7.7 करोड़ से ज्यादा नौकरी के अवसर जुटा चुका है और यह देश-विदेश में लाखों लोगों के लिए महत्वपूर्ण मंच बन गया है।
श्रम राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने कहा कि सरकार का लक्ष्य हर संगठित और असंगठित कामगार को सामाजिक सुरक्षा का लाभ पहुंचाना है। यह समझौता विकसित भारत 2047 के सपने को पूरा करने में भी मदद करेगा। मंत्रालय की सचिव वंदना गुरनानी ने बताया कि दिवाली के आसपास NCS पोर्टल पर नई नौकरियों के अवसर आने वाले हैं जो नौकरी ढूंढ रहे लोगों के लिए त्योहारी तोहफा साबित होंगे।
सरकार रोजगार बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। पिछले एक साल में मंत्रालय ने अमेज़न, स्विगी, रैपिडो, ज़ेप्टो जैसी 14 बड़ी कंपनियों के साथ भी ऐसे समझौते किए हैं जिससे पांच लाख से ज्यादा नौकरियां पैदा हुई हैं। अब जोमैटो के जुड़ने से यह अभियान और मजबूत हो गया है। कुल मिलाकर यह पहल नौकरी ढूंढ रहे लोगों और कंपनियों के बीच की दूरी कम करेगी और देश की अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार देगी।
