देहरादून। त्योहारी मौसम में साइबर ठग फिर सक्रिय हो उठते हैं। हर तरफ ऑनलाइन खरीदारी और ढेरो ऑफर दिखते हैं। इसी माहौल का फायदा उठाकर टिकाऊ नुकसान पहुँचाने वाले नकली पेज और फर्जी लिंक बनाकर लोग ठगी के शिकार हो जाते हैं।
पुलिस ने जागरूकता बढ़ाने के लिए एक सरल तरीका बताया है। उसे पापा शब्द से याद रखा जा सकता है। P का मतलब है निजी जानकारी किसी के साथ साझा न करें। A का मतलब है किसी भी अन्जान लिंक पर क्लिक करने से बचें। दूसरे P का मतलब है अपने पासवर्ड समय समय पर बदलते रहें। आखिरी A का मतलब है अपनी असली फोटो की जगह अवतार या कार्टून तस्वीर का इस्तेमाल करें। इससे आपकी पहचान का गलत उपयोग होने से बचाव होता है।
त्योहारों के नाम पर मिलने वाले भारी डिस्काउंट वाले ऑफर अक्सर फर्जी होते हैं। ऐसे लिंक पर क्लिक करने से पहले वेबसाइट की सच्चाई जाँच लें। किसी अन्जान खाते में भुगतान न करें। मोबाइल पर आए अनजान मैसेज के लिंक पर टैप न करें। छोटी सी लापरवाही से भी भारी आर्थिक नुकसान हो सकता है।
किसी भी संगठन की ओर से डिजिटल अरेस्ट का आरोप लगाकर पैसे या जानकारी मांगना विधिक प्रक्रिया नहीं है। पुलिस या कोई सत्यापित एजेंसी अनलाइन पर इसी तरीके से किसी से भुगतान नहीं मांगती। ठग डर दिखाकर लोगों को झांसा देते हैं। इसलिए किसी भी तरह के धमके से घबराकर निर्णय न लें।
यदि आपको किसी प्रकार की साइबर ठगी का संदेह हो तो तुरंत 1930 पर शिकायत दर्ज कराएँ। शिकायत दर्ज कराना आपका कानूनी अधिकार है। समय पर शिकायत करने से नुकसान कम किया जा सकता है और अपराधियों पर कार्रवाई तेज होती है।
पुलिस का संदेश साफ है। सतर्क रहें। निजी जानकारी बचाकर रखें। अनजानी लिंक से दूर रहें। पासवर्ड बदलते रहें और असली फोटो की जगह अवतार का उपयोग करें। सतर्क रहने से त्योहार सुरक्षित तरीके से मनाए जा सकते हैं।
