देहरादून में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने पेपर लीक की घटना के बाद अपनी परीक्षा प्रणाली में बड़े बदलाव करने की तैयारी शुरू कर दी है। अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया ने बताया कि अब से सभी परीक्षाएं केवल सरकारी संस्थानों में आयोजित होंगी ताकि सुरक्षा और निगरानी पूरी तरह से सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने कहा कि यह कदम अभ्यर्थियों के मन में बने शक और भ्रम को दूर करने और परीक्षा प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए उठाया गया है।
आयोग ने यह भी निर्णय लिया है कि एक अभ्यर्थी केवल एक ही आवेदन पत्र भर सकेगा। इसके लिए आवेदन में आधार नंबर और अंगूठे के निशान का बायोमेट्रिक सत्यापन अनिवार्य किया जाएगा। भविष्य में परीक्षाएं दो चरणों में आयोजित की जाएंगी ताकि परीक्षा केंद्रों पर भीड़ नियंत्रित रहे और सुरक्षा व्यवस्था प्रभावी ढंग से हो सके। सभी केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे, बायोमेट्रिक सत्यापन और मोबाइल जैमर जैसी आधुनिक सुविधाएं अनिवार्य की जाएंगी। प्रश्नपत्रों के वितरण और उत्तर पुस्तिकाओं के संग्रह तक की हर प्रक्रिया का डिजिटल रिकॉर्ड रखा जाएगा। पिछले पेपर लीक मामले ने आयोग की साख पर सवाल खड़े किए थे, जिसके बाद अब पूरे सिस्टम को रीसेट और अपग्रेड किया जा रहा है ताकि भविष्य में किसी भी तरह की गड़बड़ी या अनियमितता न हो।
