धामी कैबिनेट की बैठक में आठ अहम फैसले, विदेशी नागरिकों को मिला यूसीसी में विवाह पंजीकरण का अधिकार

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सोमवार को सचिवालय में हुई मंत्रिमंडल बैठक करीब तीन घंटे चली जिसमें आठ अहम प्रस्तावों पर मुहर…

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सोमवार को सचिवालय में हुई मंत्रिमंडल बैठक करीब तीन घंटे चली जिसमें आठ अहम प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई। बैठक सुबह साढ़े दस बजे शुरू हुई और दोपहर एक बजे तक चली। इस दौरान कई बड़े निर्णय लिए गए जो सीधे तौर पर आम जनता से जुड़े हैं।

कैबिनेट बैठक में सबसे अहम फैसला देहरादून के रायपुर क्षेत्र से जुड़ा रहा। यहां विधानसभा भवन निर्माण को देखते हुए आसपास के इलाकों को फ्रीज जोन घोषित किया गया था। अब सरकार ने इस फ्रीज जोन में छोटे निर्माण कार्यों की अनुमति देने का निर्णय लिया है। इसके तहत लोग अब व्यक्तिगत आवास या दुकान का निर्माण कर सकेंगे। हालांकि इसके लिए आवास विभाग अलग से गाइडलाइन जारी करेगा।

महिला एवं बाल विकास विभाग से जुड़ा एक बड़ा फैसला भी बैठक में लिया गया। अब प्रदेश के सभी मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को पूर्ण आंगनबाड़ी केंद्रों में अपग्रेड किया जाएगा। इसके लिए उत्तराखंड महिला एवं बाल विकास अधीनस्थ सुपरवाइजर सेवा नियमावली 2021 में संशोधन किया गया है।

वहीं यूनिफॉर्म सिविल कोड में भी अहम संशोधन को मंजूरी दी गई। अब नेपाल, भूटान और तिब्बत के नागरिकों को विवाह पंजीकरण के लिए आधार कार्ड देना अनिवार्य नहीं होगा। इसके स्थान पर वे अपने अन्य वैध दस्तावेजों के आधार पर पंजीकरण करा सकेंगे। तिब्बती नागरिकों के लिए विदेशी पंजीकरण प्रमाणपत्र को भी मान्यता दी गई है।

स्वास्थ्य विभाग से जुड़ा एक निर्णय यह रहा कि स्वास्थ्य कार्यकर्ता और स्वास्थ्य पर्यवेक्षक अब पांच साल की सेवा पूरी करने के बाद अपने पूरे कार्यकाल में एक बार ट्रांसफर का लाभ ले सकेंगे।

कैबिनेट ने कार्मिक विभाग से जुड़े प्रस्ताव को भी मंजूरी दी जिसमें यह प्रावधान किया गया कि जो कर्मचारी अपनी सेवा का पचास फीसदी हिस्सा किसी एक पद पर पूरा कर चुके हैं उन्हें अपने करियर में एक बार शिथिलीकरण का लाभ दिया जाएगा। इससे एक सेवा से दूसरी सेवा में जाने के रास्ते खुलेंगे।

इसके अलावा राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष के अवसर पर विशेष सत्र आयोजित करने का निर्णय लिया गया है जिसकी तिथि तय करने का अधिकार मुख्यमंत्री धामी को दिया गया है। साथ ही राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को अपने आफ्टर टैक्स प्रॉफिट का 15 फीसदी हिस्सा सरकार को देने की नीति को भी कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है।

बैठक में संस्कृति एवं विधायी विभाग से जुड़े सत्रावसान प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई जिसे मुख्यमंत्री पहले ही विचलन के तहत स्वीकृति दे चुके थे।