अल्मोड़ा: आज 11 अक्टूबर 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली स्थित पूसा परिसर से प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना एवं दलहन आत्मनिर्भरता मिशन का शुभारंभ किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कृषि अवसंरचना कोष, पशुपालन, मत्स्यपालन और खाद्य प्रसंस्करण से जुड़ी 2100 से अधिक परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।
इस ऐतिहासिक अवसर का सीधा प्रसारण भाकृअनुप-विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा में विशेष कार्यक्रम के रूप में किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा ऑनलाइन माध्यम से जुड़े। उन्होंने कहा कि यह संस्थान किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें तकनीकी रूप से सशक्त बनाने में निरंतर कार्यरत है। उन्होंने प्रधानमंत्री की इस पहल को आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक मजबूत कदम बताया।
विशिष्ट अतिथि अल्मोड़ा नगर निगम के महापौर अजय वर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री की यह योजना अंतिम छोर पर बैठे कृषकों तक लाभ पहुँचाने का कार्य करेगी। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे इन योजनाओं का लाभ उठाकर आत्मनिर्भर और सुखी जीवन की दिशा में आगे बढ़ें।
संस्थान के निदेशक डॉ. लक्ष्मीकांत ने अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि इस योजना का लक्ष्य देश के 100 पिछड़े कृषि जिलों में उत्पादन बढ़ाना और किसानों की आय दोगुनी करना है। यह 12 मंत्रालयों की 36 योजनाओं को जोड़कर एकीकृत रणनीति के रूप में लागू की जाएगी। उत्तराखंड में अल्मोड़ा और चमोली जिले इस योजना में शामिल किए गए हैं, जबकि दलहन आत्मनिर्भरता मिशन सभी जिलों में चलेगा। अगले छह वर्षों में अरहर, उड़द और मसूर के उत्पादन में वृद्धि इसका मुख्य उद्देश्य है।
कार्यक्रम में वैज्ञानिकों ने रबी फसलों की तकनीकी, मृदा उर्वरता, कीट प्रबंधन और जैविक खेती पर जानकारी दी।
संस्थान की वैज्ञानिक डॉ. कामिनी बिष्ट ने संचालन किया और डॉ. निर्मल कुमार हेडाऊ ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम में वैज्ञानिकों, अधिकारियों, मीडिया प्रतिनिधियों और 568 कृषकों ने भाग लिया। किसानों ने प्रधानमंत्री का संबोधन ध्यानपूर्वक सुना और योजनाओं को अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लिया।
