दिल्ली। वेस्टइंडीज के खिलाफ दिल्ली टेस्ट मैच की पहली पारी में भारतीय बल्लेबाज साई सुदर्शन ने शानदार खेल दिखाया और 87 रन बनाकर सबका ध्यान अपनी ओर खींचा। हालांकि सुदर्शन अपना पहला टेस्ट शतक पूरा नहीं कर पाए, लेकिन उनके बैटिंग अंदाज और खेल के इरादे ने दर्शकों और विशेषज्ञों का दिल जीत लिया।
इस मैच में नंबर तीन पर बल्लेबाजी करने उतरे सुदर्शन पर दबाव था, लेकिन उन्होंने आत्मविश्वास के साथ खेलते हुए आलोचकों को भी जवाब दिया। तेज गेंदबाजी हो या स्पिन, हर चुनौती का उन्होंने बेहतरीन सामना किया। अपने दूसरे अर्धशतक तक सुदर्शन ने एक भी गलत शॉट नहीं खेला और यशस्वी जायसवाल के साथ मिलकर दूसरे विकेट के लिए 193 रन की अहम साझेदारी की, जिसने टीम की स्थिति को मजबूत किया।
सुदर्शन की पारी 165 गेंदों की रही और इसमें उन्होंने 12 चौके लगाए। स्पिन गेंदबाज जोमेल वॉरिकन की गेंद पर उनका खाता रुक गया, लेकिन यह पारी उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने वाली साबित हुई। पहले के मुकाबलों में थोड़ी हिचकिचाहट दिखाने वाले सुदर्शन इस बार पूरी तरह शांत और केंद्रित नजर आए।
पारी के बाद सुदर्शन ने कहा कि उन्होंने सिर्फ खेल का आनंद लिया और रन बनाने के बारे में ज्यादा नहीं सोचा। उन्होंने कहा कि यशस्वी के साथ साझेदारी करना बेहद अच्छा अनुभव रहा और इस पारी ने उन्हें सीखने और खुद को सुधारने में मदद की। उन्होंने बताया कि लगातार अभ्यास और अनुभव से वह टेस्ट क्रिकेट में अपनी पकड़ मजबूत कर रहे हैं और अच्छे शॉट्स खेलने का तरीका समझ रहे हैं।
साई सुदर्शन का शतक भले ही छूटा हो, लेकिन उनकी यह पारी साफ दिखाती है कि वह बड़े मंच पर खुद को साबित करने के लिए तैयार हैं और धीरे-धीरे टेस्ट क्रिकेट में अपनी पहचान बना रहे हैं।
