अंतरराष्ट्रीय डेस्क
वेनेजुएला की “आयरन लेडी” के नाम से मशहूर मारिया कोरिना मचाडो को 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया है। नॉर्वेजियन नोबेल कमेटी ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की। इस साल कुल 338 व्यक्तियों और संगठनों के नाम इस प्रतिष्ठित सम्मान के लिए नॉमिनेट किए गए थे,लेकिन दुनिया की निगाहें इसी पुरस्कार पर टिकी थीं। ये वो सम्मान है जो मानवता और लोकतंत्र की सबसे बुलंद आवाज़ों को दिया जाता है।
कौन हैं वेनेजुएला की “आयरन लेडी” मचाडो?
मारिया कोरिना मचाडो वो नाम हैं जिन्होंने तानाशाही की जकड़ में फंसे वेनेजुएला में लोकतंत्र की नई उम्मीद जगाई।वे लोकतांत्रिक अधिकारों, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और न्यायपूर्ण शासन के लिए दो दशक से संघर्ष कर रही हैं। नोबेल कमेटी ने कहा मचाडो ने वेनेजुएला में लोकतंत्र की बहाली और शांति के लिए जिस साहस और दृढ़ता के साथ काम किया है,वह पूरी दुनिया के लिए प्रेरणादायक है।
मचाडो ने “सुमेट” (SUMATE) नामक संगठन की स्थापना की। ये संगठन देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों की पैरवी करता है। उन्होंने वेनेजुएला की विपक्षी पार्टियों को एकजुट कर तानाशाही के खिलाफ जनशक्ति का नया आंदोलन खड़ा किया।
तानाशाही के खिलाफ शांति का आंदोलन
वेनेजुएला के हालात में राजनीति करना किसी जोखिम से कम नहीं है।मचाडो को कई बार जेल, धमकी और राजनीतिक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उनके नेतृत्व में हजारों लोग सड़कों पर उतरे,जहां उन्होंने हिंसा के बजाय शांतिपूर्ण विरोध को चुना।उन्हें आज “आयरन लेडी ऑफ वेनेजुएला” कहा जाता है ,क्योंकि उन्होंने तानाशाही के सामने झुकने से इनकार कर दिया।
नॉर्वे से आई दुनिया के लिए प्रेरणा की खबर
नॉर्वेजियन कमेटी की घोषणा के बाद मारिया कोरिना मचाडो का नाम अंतरराष्ट्रीय मीडिया में छा गया।
उनके समर्थक सड़कों पर उतरे और लोकतंत्र की इस जीत को “जनता का सम्मान” बताया।पिछले साल (2024) यह पुरस्कार जापान के निहोन हिडानक्यो संगठन को मिला था,जो परमाणु हथियारों के खिलाफ काम कर रहा है।
🏆 क्या मिलता है नोबेल शांति पुरस्कार में ?
हर नोबेल विजेता को 11 मिलियन स्वीडिश क्रोनर (लगभग 10.5 करोड़ रुपये) की पुरस्कार राशि दी जाती है।इसके साथ 18 कैरेट गोल्ड मेडल और एक सम्मान पत्र (डिप्लोमा) भी प्रदान किया जाता है।
पुरस्कार समारोह हर साल 10 दिसंबर को आयोजित होता है। यही दिन अल्फ्रेड नोबेल की पुण्यतिथि है,जिन्होंने इस प्रतिष्ठित पुरस्कार की नींव रखी थी।
🧠 2025 के बाकी नोबेल पुरस्कारों की झलक
मेडिसिन: मैरी ई. ब्रंको, फ्रेड रैम्सडेल और शिमोन सकागुची को
“Peripheral Immune Tolerance” पर रिसर्च के लिए मिला।
फिजिक्स: जॉन क्लार्क, मिशेल एच. डेवोरेट और जॉन एम. मार्टिनिस को
क्वांटम टनलिंग पर काम के लिए सम्मानित किया गया।
केमिस्ट्री: सुसुमु कितागावा, रिचर्ड रॉबसन और ओमर एम. यागी को
मेटल-ऑर्गैनिक फ्रेमवर्क में योगदान के लिए पुरस्कार मिला।
लिटरेचर: हंगरी के प्रसिद्ध लेखक लास्ज़लो क्रास्ज़्नाहोरकाई को
उनकी कल्पनाशील और विचारोत्तेजक रचनाओं के लिए सम्मानित किया गया।
इकोनॉमिक्स: अंतिम नोबेल — अर्थशास्त्र के क्षेत्र में — सोमवार को घोषित किया जाएगा।
💬
