तमिलनाडु के कांचीपुरम जिले में स्थित उस दवा कंपनी को प्रशासन ने सील कर दिया है जिसके कफ सीरप के पीने से मध्य प्रदेश में इक्कीस बच्चों की मौत हो चुकी है। इसी सीरप के कारण राजस्थान में भी चार मासूमों की जान चली गई। सीरप बनाने वाली कंपनी का डायरेक्टर रंगनाथन फिलहाल फरार बताया जा रहा है।
मध्य प्रदेश पुलिस की एसआईटी टीम बुधवार को कांचीपुरम पहुंची और कंपनी के दफ्तर में दिनभर पूछताछ की। अधिकारियों ने वहां मौजूद दस्तावेज खंगाले और कर्मचारियों से जानकारी ली। सरकारी सूत्रों के मुताबिक श्रीसन फार्मास्युटिकल नाम की इस कंपनी को मंगलवार शाम को सील किया गया।
तमिलनाडु के खाद्य सुरक्षा और औषधि विभाग ने कुछ दिन पहले बताया था कि कंपनी से लिए गए कफ सीरप के सैंपल जांच में खराब पाए गए। इसके बाद कंपनी को तुरंत उत्पादन बंद करने का आदेश दिया गया था। सरकार ने एक अक्टूबर से इस सीरप की बिक्री पर भी रोक लगा दी थी और दुकानों से इसका स्टॉक हटाने का निर्देश दिया था।
जांच में सामने आया कि कोल्ड्रिफ नाम के इस कफ सीरप में डायथिलीन ग्लायकाल नाम का जहरीला रसायन मिला हुआ था जिसकी मात्रा तय सीमा से चार सौ छियासी गुना ज्यादा थी। इसी मिलावट ने बच्चों की जान ली। कंपनी का डायरेक्टर डॉ जी रंगनाथन फरार है जिसकी तलाश में पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है।
एसआईटी ने बुधवार को तमिलनाडु के औषधि विभाग और अन्य सरकारी दफ्तरों में जाकर पूछताछ की। जांच टीम यह पता लगाने में जुटी है कि मध्य प्रदेश में इस सीरप की कितनी खेप भेजी गई थी। रिपोर्ट के आधार पर एफआईआर में और धाराएं जोड़ी जा सकती हैं।
तमिलनाडु सरकार की जांच में खुलासा हुआ है कि श्रीसन फार्मास्युटिकल महज दो हजार वर्गफुट के छोटे से परिसर में काम कर रही थी। कंपनी ने दवा निर्माण से जुड़ी 39 गंभीर और 325 बड़ी शर्तों की अनदेखी की थी। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सुब्रमणियन ने कहा कि कंपनी को दोबारा नोटिस भेजा गया है जिसमें पूछा गया है कि क्यों न उसके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जाए।
उन्होंने बताया कि जांच में सीरप में जहर की मात्रा 48.6 प्रतिशत पाई गई है जो बेहद खतरनाक है। मंत्री ने साफ कहा कि सरकार इस मामले में सख्त कार्रवाई करेगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। यह कंपनी पिछले चौदह साल से कांचीपुरम जिले में दवा बनाने का काम कर रही थी।
घटना के बाद कई राज्यों ने इस कफ सीरप की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। तमिलनाडु के अलावा केरल मध्य प्रदेश पंजाब और अरुणाचल प्रदेश ने इस दवा को पूरी तरह बैन कर दिया है। तेलंगाना कर्नाटक और महाराष्ट्र ने भी लोगों को सावधानी बरतने की चेतावनी दी है। केरल ने तो श्रीसन फार्मास्युटिकल की सभी दवाओं की बिक्री रोक दी है।
अंडमान निकोबार प्रशासन ने भी दो साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सीरप न देने की सलाह जारी की है। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत सरकार से इस दवा के निर्यात पर जवाब मांगा है। डब्ल्यूएचओ यह जानना चाहता है कि क्या कोल्ड्रिफ सीरप विदेश भी भेजा गया था।
उधर मध्य प्रदेश से एक और दर्दनाक खबर आई है। वहां इस जहरीले सीरप के कारण दो और बच्चों की मौत हो गई। छह साल के दिव्यांशु यदुवंशी और तीन साल के वेदांश काकोडिया ने नागपुर के अस्पताल में दम तोड़ दिया। इस तरह अब तक मरने वाले बच्चों की संख्या इक्कीस हो चुकी है जिनमें अठारह छिंदवाड़ा जिले से दो बैतूल से और एक पांढुर्णा से है। सभी की उम्र आठ साल से कम बताई जा रही है।
