उत्तराखंड में अब 2600 शिक्षक भर्ती का रास्ता हो गया साफ, नए नियमों को मिली मंजूरी, NIOS DElEd वालों को भी मौका

उत्तराखंड में बेसिक शिक्षा सेवन नियमावली में संशोधन को मंजूरी मिल गई है। इससे प्राइमरी स्कूल के 2100 सहायक अध्यापक और 550 विशेष शिक्षकों की…

n68405848617598094870171cd9cb2998329690f774843a84e7beecc232b1aa82633a3b9b6ffee242f13b1a

उत्तराखंड में बेसिक शिक्षा सेवन नियमावली में संशोधन को मंजूरी मिल गई है। इससे प्राइमरी स्कूल के 2100 सहायक अध्यापक और 550 विशेष शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता बिल्कुल साफ हो गया। यह संशोधन उत्तराखंड के प्राथमिक शिक्षा को पारदर्शी बनाने और उसके गुणवत्ता को बढ़ाने की दिशा में किया गया है।

उत्तराखंड राजकीय प्रारंभिक शिक्षा सेवा नियमावली 2012 में महत्वपूर्ण संशोधन किए गए थे। इसमें एनआईओएस से सेवारत डीएलएड करने वालों को भी प्राथमिक शिक्षक भर्ती में शामिल होने का मौका मिलेगा।

संशोधित नियमावली में 2017 से 2019 के एनआईओएस से सेवारत डीएलएड शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है। उन्हें भी सहायक अध्यापक 2100 पदों पर भर्ती होने का मौका मिलेगा।


नियमावली में पहली बार सहायक अध्यापक के पद को भी शामिल किया गया भारतीय पुनर्वास परिषद-आरसीआई से मान्यताप्राप्त शिक्षा शास्त्र (विशेष शिक्षा) से प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थी भी नई शिक्षक भर्ती में शामिल हो पाएंगे। राज्य के प्राइमरी स्कूलों में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों लिए 550 से अधिक विशेष शिक्षकों की नियुक्ति की जानी है।


शिक्षा सचिव का कहना है कि संशोधन नियमावली में बेसिक शिक्षा के सहायक अध्यापक के पदों में 50% पद विज्ञान वर्ग के अभ्यर्थी यो के लिए आरक्षित किए जाएंगे जिसमें जिस वर्ग के विषय में डीएलएड उतरन किया गया है। इस वर्ग में उनका निर्धारण भी किया जाएगा बाकी 50% पदों पर अन्य विषयों के शिक्षकों की भर्ती भी की जाएगी।

अगर स्नातक स्तर पर विषय संयोजन में कोई असमंजस की स्थिति आती है तो इंटरमीडिएट स्तर पर निर्धारित विषयों के अनुसार वर्ग निर्धारण किया जाएगा। सहायक अध्यापक उर्दू के लिए उर्दू में स्नातक को अनिवार्य है।


बेसिक शिक्षक भर्ती में 31 मार्च 2019 को कार्यरत शिक्षा मित्रों को शिक्षण के अनुभव के आधार पर प्रतिवर्ष एक अंक के आधार पर अधिकतम 12 अंक देते हुए मेरिट सूची में शामिल किया जा सकेगा।


सहायक अध्यापक (उर्दू) के पद पर नियुक्ति के लिए चयन समिति द्वारा 100 अंकों की लिखित परीक्षा आयोजित की जा सकती है, जिसमें न्यूनतम उत्तीर्णांक 50 प्रतिशत होगा।