सोचिए ज़रा, अगर आपको बस इतना काम मिले कि घर की लाइट जलानी है और फिर बंद करनी है… और इसके लिए मिलें पूरे 30 करोड़ रुपये सालाना! सपना सा लगता है न? सोशल मीडिया पर पिछले कुछ दिनों से ऐसी ही एक “ड्रीम जॉब” की खबर खूब वायरल हो रही है।
पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि मिस्र के अलेक्जेंड्रिया बंदरगाह के पास बने ऐतिहासिक लाइटहाउस में एक कीपर को इतनी मोटी सैलरी मिलती है। काम? बस ये देखना कि लाइटहाउस की रोशनी जलती रहे। ऊपर से बोनस ये कि मनमर्ज़ी से सो सकते हैं, कोई बॉस नहीं, और पूरा एकांत जीवन।
अब सुनने में तो यह किसी फिल्मी कहानी जैसा लगता है—लेकिन असलियत थोड़ी अलग है।
क्या है सच ?
जिन खबरों में 30 करोड़ रुपये वेतन का दावा किया जा रहा है, वे पूरी तरह झूठी हैं। असली स्थिति यह है कि ज़्यादातर लाइटहाउस अब पूरी तरह ऑटोमेटेड हो चुके हैं। यानी इन्हें चलाने के लिए किसी कीपर की ज़रूरत ही नहीं होती।
असल में जहां अभी भी लाइटहाउस कीपर काम करते हैं, उनकी सैलरी सालाना करीब 40,000 से 60,000 डॉलर (लगभग 33 से 50 लाख रुपये) तक होती है। यानी करोड़ों वाली कहानी सिर्फ अफवाह है।
नतीजा
सोशल मीडिया पर वायरल ये पोस्ट्स लोगों को लुभाने के लिए बढ़ा-चढ़ाकर पेश की गई हैं। हकीकत ये है कि 30 करोड़ वाली नौकरी कहीं मौजूद नहीं है।
तो अगली बार जब भी आपको ऐसी ड्रीम जॉब की खबर दिखे, बस ध्यान रखिए—नेट पर हर चमकती चीज़ सोना नहीं होती! 😉
