रुद्रप्रयाग। बाबा केदार की धरती पर इस सीजन की पहली बर्फबारी ने पूरे माहौल को बदल दिया है। सोमवार दोपहर बाद केदारनाथ धाम में बर्फ गिरनी शुरू हुई तो चारों ओर सफेद नज़ारा फैल गया। मंदिर परिसर से लेकर आसपास की पहाड़ियों तक बर्फ की परत जमने लगी है। बर्फ गिरते ही तापमान में गिरावट आ गई और ठंड भी काफी बढ़ गई है।
देश और विदेश से पहुंचे श्रद्धालु इस नज़ारे को देखकर उत्साहित नजर आए। भक्तों ने कहा कि बाबा केदार के दरबार में बर्फबारी का ये नजारा जीवनभर याद रहेगा। कई लोग मंदिर के आंगन में खड़े होकर बर्फ गिरने का आनंद लेते दिखे। वहीं मौसम अचानक बिगड़ने से दोपहर के बाद हेलीकॉप्टर सेवाएं भी नहीं चल सकीं।
प्रशासन ने यात्रियों की सुविधा के लिए अलाव की व्यवस्था की है ताकि कोई ठंड से परेशान न हो। धाम में बर्फबारी के बावजूद दर्शन करने वालों की लंबी कतार लगी रही। भक्त बर्फबारी के बीच जयकारों के साथ बाबा के दर्शन करते रहे।
मौसम विभाग ने पहले ही उत्तराखंड के ऊंचे इलाकों में छह और सात अक्टूबर को बर्फबारी की संभावना जताई थी। दोपहर करीब डेढ़ बजे से शुरू हुई बर्फबारी ने पूरे केदारनाथ धाम को बर्फ की चादर में ढक दिया है।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने यात्रियों से अपील की है कि धाम आने से पहले गर्म कपड़े और जरूरी सामान साथ लेकर आएं। इस समय बाबा केदार के दर्शन के लिए रोजाना करीब दस हजार से ज्यादा भक्त पहुंच रहे हैं। अब तक सोलह लाख से अधिक लोग बाबा के दरबार में मत्था टेक चुके हैं।
इन दिनों पूरा धाम भक्तों के जयकारों से गूंज रहा है। पैदल मार्ग से लेकर मंदिर परिसर तक हर तरफ श्रद्धालुओं की भीड़ है। बाबा के कपाट बंद होने की तिथि नजदीक आने से दर्शन करने वालों की संख्या और बढ़ गई है। 23 अक्टूबर को कपाट बंद किए जाएंगे लेकिन उससे पहले केदारनाथ में श्रद्धा और आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है।
प्रशासन ने यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य और सफाई की व्यवस्था भी कड़ी कर दी है। जगह-जगह मेडिकल कैंप लगाए गए हैं और चार सौ से ज्यादा पर्यावरण मित्र सफाई व्यवस्था संभाल रहे हैं। बर्फ की सफेदी और भक्तों की आस्था ने केदारपुरी को एक बार फिर अद्भुत और दिव्य बना दिया है।
