देश के मशहूर न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर सुधीर कुमार ने कहा है कि बच्चों को खांसी या सर्दी होने पर खांसी की सिरप देने की जरूरत नहीं है। उनका कहना है कि सिरप बच्चों को जल्दी ठीक नहीं करती बल्कि कई बार नुकसान भी पहुंचा देती है। डॉक्टर कुमार के मुताबिक ज्यादातर बच्चों में खांसी वायरल संक्रमण की वजह से होती है जो करीब एक हफ्ते में अपने आप ठीक हो जाती है। इसलिए बच्चों को बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी सिरप देना सही नहीं है।
उन्होंने बताया कि बाजार में मिलने वाली कई सिरप में एंटीहिस्टामिन और कोडीन जैसे तत्व होते हैं जो बच्चों के लिए खतरनाक हो सकते हैं। इनसे नींद ज्यादा आना सांस लेने में परेशानी और दिल की धड़कन बढ़ने जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। डॉक्टर कुमार ने माता पिता को सलाह दी है कि बच्चों को आराम और सही देखभाल देना ही काफी होता है।
डॉक्टर कुमार का यह बयान ऐसे वक्त आया है जब मध्य प्रदेश में मिलावटी सिरप कोल्ड्रिफ पीने से चौदह बच्चों की मौत हो चुकी है। राजस्थान में भी इसी सिरप के सेवन से दो बच्चों की जान चली गई है। इन घटनाओं के बाद सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं। मध्य प्रदेश में उस डॉक्टर को गिरफ्तार किया गया है जिसने यह सिरप बच्चों को लिखकर दी थी।
जांच में खुलासा हुआ है कि बच्चों की मौत जहरीले रासायनिक पदार्थ डाइएथिलीन ग्लाइकोल और एथिलीन ग्लाइकोल से हुई है। यह दोनों तत्व दवाओं में इस्तेमाल होने वाले सॉल्वेंट के बजाय मिलाए गए थे जो बेहद जहरीले हैं। इनकी थोड़ी सी मात्रा भी बच्चों की किडनी को बुरी तरह नुकसान पहुंचा सकती है और जान ले सकती है।
इस घटना के बाद डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि किसी भी बच्चे को दवा देने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर ली जाए। क्योंकि गलत दवाई या मिलावटी सिरप बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है।
