नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गुरुवार से ऑस्ट्रेलिया की दो दिवसीय यात्रा पर जा रहे हैं। यहां उनका मुख्य उद्देश्य भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रक्षा और रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करना है। इस दौरान दोनों पक्ष कई नए कदमों पर बातचीत करेंगे जो द्विपक्षीय सहयोग को और गहरा करेंगे। तीन समझौतों पर हस्ताक्षर भी किए जाएंगे जिससे सूचना साझा करने, समुद्री सुरक्षा और संयुक्त गतिविधियों में सहयोग बढ़ सकेगा।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत और ऑस्ट्रेलिया अपने व्यापक रणनीतिक साझेदारी की पांचवीं वर्षगांठ मना रहे हैं। यह राजनाथ सिंह की मोदी सरकार के तहत पहली ऑस्ट्रेलिया यात्रा भी होगी। उनका दौरा ऑस्ट्रेलिया के उप प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्लेस के निमंत्रण पर किया जा रहा है। इसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच नई और सार्थक पहलों को तलाशना है।
इस यात्रा के दौरान राजनाथ सिंह ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष के साथ द्विपक्षीय चर्चा करेंगे और सिडनी में व्यापारिक गोलमेज सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे। इसमें दोनों देशों के उद्योग जगत के प्रमुख शामिल होंगे। इसके अलावा वे ऑस्ट्रेलिया के अन्य राष्ट्रीय नेताओं से भी मुलाकात करेंगे। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में वर्तमान स्थिति का भी विस्तार से मूल्यांकन किया जाएगा क्योंकि चीन की बढ़ती सैन्य ताकत को लेकर वैश्विक चिंताएं बढ़ रही हैं।
पिछले कुछ वर्षों में भारत और ऑस्ट्रेलिया के रक्षा संबंधों में काफी विस्तार हुआ है। इसमें क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण, पोत यात्राएं और द्विपक्षीय अभ्यास शामिल हैं। 2020 में दोनों देशों ने अपनी रणनीतिक साझेदारी को और व्यापक बनाया था। इस यात्रा के दौरान तीन समझौतों पर हस्ताक्षर करने की योजना है। ये समझौते दोनों देशों के बीच जानकारी के आदान-प्रदान, समुद्री क्षेत्र और संयुक्त गतिविधियों में सहयोग को बढ़ाएंगे। भविष्य में इससे रक्षा संबंध और मजबूत होंगे।
