उत्तराखंड बोर्ड का रिजल्ट जारी, हाईस्कूल 95 और इंटर 89 फीसदी तक पहुंचा, शिक्षा मंत्री ने कहा मेहनत रंग लाई

देहरादून से बड़ी खबर है उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद ने आखिरकार हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की 2025 की पहली और 2024 की तीसरी अंक सुधार परीक्षा…

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देहरादून से बड़ी खबर है उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद ने आखिरकार हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की 2025 की पहली और 2024 की तीसरी अंक सुधार परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया है। इस बार छात्रों ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया है। हाईस्कूल में 81.38 प्रतिशत और इंटरमीडिएट में 76.27 प्रतिशत छात्रों ने सफलता हासिल की है।

बोर्ड की तरफ से जारी किए गए आंकड़े बताते हैं कि इस बार रिजल्ट में पहले की तुलना में सुधार देखने को मिला है। साल 2025 की मुख्य परीक्षा के बाद जब इसमें अंक सुधार परीक्षा के नतीजे जोड़े गए तो हाईस्कूल का कुल रिजल्ट 90.77 प्रतिशत से बढ़कर 95.17 प्रतिशत तक पहुंच गया। वहीं इंटरमीडिएट में यह बढ़त और ज्यादा देखने को मिली। जो पहले 83.23 प्रतिशत थी वह अब 89.53 प्रतिशत हो गई। हाईस्कूल में इस बार कुल 6657 छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया था जबकि इंटरमीडिएट में 9154 छात्रों ने परीक्षा दी।

बोर्ड ने यह परीक्षा 4 अगस्त से 11 अगस्त तक करवाई थी। परीक्षा राज्यभर के 97 केंद्रों पर आयोजित हुई थी। इसमें वे छात्र भी शामिल हुए जो पहले पास हो चुके थे और वे भी जिन्हें दोबारा मौका दिया गया था ताकि वे अपने अंक सुधार सकें।

इस बार रिजल्ट जारी करने में देरी हुई। वजह रही पंचायत चुनाव की तैयारियां। इसके बाद राज्य में आई आपदा और फिर राजकीय शिक्षक संघ के कार्य बहिष्कार ने प्रक्रिया को और धीमा कर दिया। अब जब नतीजे जारी हो गए हैं तो शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने खुशी जताई है और कहा है कि परिणाम उम्मीद से बेहतर आए हैं।

शिक्षा मंत्री ने यह भी बताया कि 2024 की तीसरी अंक सुधार परीक्षा का रिजल्ट भी आ गया है। इसमें हाईस्कूल का परिणाम 65.79 प्रतिशत और इंटरमीडिएट का 60.48 प्रतिशत रहा। यह परीक्षा उन छात्रों के लिए आखिरी मौका थी जो मुख्य परीक्षा में पास नहीं हो पाए थे। मंत्री ने कहा कि बोर्ड छात्रों को दसवीं और बारहवीं में पास होने के लिए तीन मौके देता है। 2025 के छात्रों के लिए यह पहला अवसर था जबकि 2024 के छात्रों के लिए यह अंतिम मौका साबित हुआ। उन्होंने कहा कि बोर्ड परीक्षाओं के कुल परिणाम में इस बार बड़ा सुधार देखने को मिला है जो छात्रों और शिक्षकों दोनों के मेहनत का नतीजा है।