देहरादून। उत्तराखंड में आईपीएस अधिकारी रचिता जुयाल ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का आवेदन दिया था और अब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया है जिससे वे जल्द ही अपने शासकीय पदों से मुक्त हो जाएंगी। वहीं आईएएस बीवीआरसी पुरुषोत्तम की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति पर अभी शासन स्तर पर कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है और उनका मामला चर्चा में बना हुआ है।
रचिता जुयाल 2015 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं जिन्होंने तीन महीने पहले जून में VRS के लिए आवेदन किया था और फिलहाल वे SP विजिलेंस के पद पर कार्यरत हैं। उनका इस्तीफा मंजूर होने के बाद अब हरिद्वार नगर निगम जमीन घोटाले की जांच की पूरी जिम्मेदारी CO विजिलेंस हर्षवर्धनी सुमन को सौंप दी गई है। इस जांच के दौरान मनी ट्रेल का भी पता लगाया जा रहा है और रचिता जुयाल के जाने के बाद हर्षवर्धनी सुमन पूरी जांच का संचालन करेंगी।
बीवीआरसी पुरुषोत्तम के मामले में स्थिति अलग है। 2004 बैच के इस आईएएस अधिकारी के पास अभी लगभग बारह साल सेवा का समय बाकी है लेकिन अचानक VRS का आवेदन देने से शासन में हलचल मची हुई है। अभी तीन महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है और औपचारिकताएं पूरी नहीं हो सकी हैं। शासन स्तर पर इस मामले में कोई फाइल तैयार नहीं हुई है और नियम के अनुसार तीन महीने में अनुमति न मिलने पर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति मान ली जाती है लेकिन इस प्रकरण में अलग परिस्थितियां बनी हुई हैं।
