देहरादून में इन दिनों उत्तराखंड में यूकेएसएसएससी परीक्षा पेपर लीक का मामला चर्चा में है। बेरोजगार संघ से जुड़े लोग अभी भी सीबीआई जांच की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी है और एसआईटी अपना काम शुरू कर चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल में सामने आई परीक्षा गड़बड़ी की जांच के लिए एसआईटी बनाई गई है और इसकी रिपोर्ट के आधार पर इस मामले में निर्णायक कार्रवाई होगी। सीएम ने यह भी कहा कि मैं इसे पेपर लीक नहीं मानता।
गुरुवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय शैक्षिक उत्कृष्टता पुरस्कार समारोह में शामिल होते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग भर्ती प्रक्रिया को रोकने के लिए सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार हर नकल माफिया को पकड़कर सजा दिलाएगी और रिक्त पदों को प्राथमिकता के आधार पर भरा जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य पारदर्शिता के साथ समय पर भर्ती करना है और किसी भी युवा के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तराखंड में नकल रोकने के लिए देश का सबसे सख्त कानून लागू किया गया है। पिछले चार सालों में राज्य के 25 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी मिली है। जबकि राज्य बनने के शुरुआती 21 साल में कुल 16 हजार नियुक्तियां हुई थीं। कानून लागू होने के बाद अब तक 100 से अधिक नकल माफिया सलाखों के पीछे पहुंच चुके हैं।
सीएम ने कहा कि कुछ लोगों को युवाओं का सरकारी नौकरी में जाना रास नहीं आ रहा है इसलिए वे पेपर लीक का षड्यंत्र रच रहे हैं। राज्य में हाल ही में पेपर लीक कराने का प्रयास असफल रहा और केवल एक शिकायत के आधार पर अराजकता फैलाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों के लिए पहले से ही सख्त कानून है और इस प्रकरण में सख्ती से कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने मदरसों पर भी बयान दिया कि राज्य में नया अल्पसंख्यक शिक्षा कानून लागू किया गया है। इस कानून के तहत जुलाई 2026 के बाद केवल वही मदरसे चल पाएंगे जिनमें सरकारी बोर्ड द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा। बिना शैक्षिक योग्यता वाले धार्मिक गुरु जो बच्चों का भविष्य खतरे में डाल रहे थे उन पर लगाम लगेगी।
सम्मान समारोह में बोर्ड परीक्षाओं में शीर्ष स्थान प्राप्त करने वाले हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के 75 छात्रों को पुरस्कृत किया गया। इसके साथ ही उत्कृष्ट परिणाम देने वाले विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को भी सम्मानित किया गया। सीएम ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के बहुआयामी व्यक्तित्व और उनके शिक्षा में राष्ट्र प्रेम, नैतिक मूल्य और व्यावहारिकता के विचारों को याद किया।
राज्य में 226 विद्यालयों को पीएम-श्री विद्यालय के रूप में विकसित किया जा रहा है और 1300 विद्यालयों में वर्चुअल कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। दूरस्थ क्षेत्रों तक बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा देने के लिए पांच ई-विद्या चैनल भी चलाए जा रहे हैं। राज्य के सभी सरकारी और सहायता प्राप्त विद्यालयों में कक्षा एक से 12 तक के सभी विद्यार्थियों को निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराई जा रही हैं।
सरकारी और अशासकीय स्कूलों के मेधावी छात्रों को छात्रवृत्ति दी जा रही है और प्रत्येक विकासखंड के शीर्ष छात्र भारत भ्रमण पर भेजे जा रहे हैं। इसके अलावा संघ लोक सेवा आयोग, एनडीए और सीडीएस की लिखित परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों को साक्षात्कार की तैयारी के लिए पचास हजार रुपए की सहायता भी दी जा रही है।
