उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा मामले में अब बड़ा अपडेट सामने आया है। इस परीक्षा मामले में शिकायतों की जांच अब एसआईटी करेगी। राज्य सरकार का कहना है कि एक महीने के अंदर जांच रिपोर्ट मिल जाएगी। इसके साथ ही टीम हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में पूरे मामले की जांच करेगी।
दरअसल पेपर लीक मामले पर लगातार सवाल उठने के साथ ही उत्तराखंड बेरोजगार संघ और विपक्ष भी सरकार पर लगातार जांच का दबाव बना रहा था जिसके बाद चौतरफा हो रहे विरोध के बाद राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण फैसला लिया है।
मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन ने कहा कि, राज्य सरकार के लिए परीक्षा प्रणाली की पारदर्शिता और सुरक्षा अभ्यर्थियों का हित ही सर्वोपरि है। इसी बात को लेकर रविवार को संपन्न परीक्षा में सामने आए शिकायतों की जांच एडिशनल एसपी स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में की जाएगी। उक्त एसआईटी का कार्यक्षेत्र पूरा प्रदेश होगा।”
मुख्य सचिव ने भी कहा कि जांच निष्पक्ष ढंग से ही हो इसलिए एसआईटी जांच की निगरानी हाई कोर्ट के सेवानिवृत जांच के द्वारा की जाएगी। सेवानिवृत जज और एसआईटी सभी जिलों में जाएंगे, इस दौरान कोई भी व्यक्ति उन तक परीक्षा से संबंधित तथ्य और सूचना दे सकता है।
जांच एक माह में पूरी की जाएगी, तब तक के लिए उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से परीक्षा के संबंध में आगे कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।”
आनंद वर्द्धन ने आगे जानकारी दी कि, “एसआईटी जांच में दोषी व्यक्ति के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हो इसके लिए भी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। विवादों के केंद्र में स्थित हरिद्वार के परीक्षा केंद्र पर जिस भी व्यक्ति की लापरवाही सामने आती है, उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
