देहरादून। 21 सितंबर को उत्तराखंड में स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा आयोजित हुई। परीक्षा के बाद सोशल मीडिया पर कुछ प्रश्न पत्रों के फोटो और स्क्रीनशॉट वायरल हुए। उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने पेपर लीक होने का दावा किया। इस सूचना से आयोग में खलबली मच गई। आयोग ने एसएसपी को एक प्रार्थना पत्र सौंपा। एसएसपी अजय सिंह ने मामले की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम गठित कर दी। देर शाम आयोग और पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रारंभिक जानकारी साझा की। पुलिस ने कहा कि शुरुआत की जांच में किसी संगठित गिरोह का संकेत नहीं मिला।
जांच में सोशल मीडिया पर प्रसारित फोटो का स्रोत तलाशा गया। पता चला कि फोटो सबसे पहले एक महिला असिस्टेंट प्रोफेसर के पास पहुंचा। वह टीहड़ी में तैनात बताई गई है। महिला ने बताया कि फोटो उसे एक शख्स के नंबर से भेजा गया था। महिला ने कुछ प्रश्नों के उत्तर भी भेजे और स्क्रीनशॉट अपने मोबाइल में सहेज लिए। संदिग्ध के रूप में खालिद मलिक का नाम सामने आया। महिला के बयान के आधार पर पुलिस कई लोगों और उनके संपर्क में रहे अभ्यर्थियों की जांच कर रही है। आरोपियों की पहचान कर सबूत इकट्ठा किए जा रहे हैं और गिरफ्तारी के लिए टीमें रवाना कर दी गई हैं।
एसएसपी ने बताया कि सुबह 11 बजे परीक्षा शुरू होने से पहले राज्य के किसी हिस्से से पेपर लीक की सूचना नहीं आई थी। परीक्षा समाप्ति के बाद लगभग डेढ़ बजे यह जानकारी मिली कि कुछ स्क्रीनशॉट 11.35 बजे सोशल मीडिया पर शेयर किए गए थे। रायपुर थाने में उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा रोकथाम अध्यादेश 2023 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। मामले की गहनता से पड़ताल जारी है।
