सरकारी इस बात को पूरी तरह से लेकर आश्वस्त होना चाहती है कि जीएसटी की नई दरों का लाभ जनता को मिले। तेल, शैंपू, साबुन जैसे रोज की चीजों से लेकर दवा बेचने वाले दुकानदारों को आगामी 22 सितंबर को उन सभी वस्तुओं के दामो को दुकान के बाहर लगाना होगा जिसकी जीएसटी दरों में बदलाव हुआ है।
3 सितंबर को जीएसटी काउंसिल की 56 वीं बैठक में 400 से अधिक आइटम की जीएसटी दरों में बदलाव किया गया है और यह फैसला आगामी 22 सितंबर से लागू होने जा रहा है।
पैक्ड फूड, साबुन, शैंपू जैसे सैकड़ों आइटम पर जीएसटी की दर कम होने से उनकी कीमत कम हो जाएगी, लेकिन पहले से बचे माल पर खुदरा कीमत में बदलाव इतने कम समय में नहीं किया जा सकता है।
इसलिए सरकार ने सभी निर्माताओं को कहा है कि वे 22 सितंबर से पहले विज्ञापन के जरिए और दुकानों में नई दरों की लिस्ट भेज दे ताकि ग्राहक को पता लग जाए कि कौन-कौन से आइटम की कीमत कम हो गई है।
दवा बेचने वालों से भी कहा गया है कि जिन दवा पर जीएसटी करें काम की गई है उनकी नई कीमत दुकान के बाहर लगाई जाए ताकि ग्राहक को उसके बारे में पता रहे
मंगलवार को वित्त मंत्रालय की तरफ से जीएसटी की नई दरों को लेकर स्पष्टीकरण जारी किया गया जिसके तहत आगामी 22 सितंबर से होटल में 7500 रुपए प्रतिदिन तक या उससे कम किराए वाले कमरे पर सिर्फ पांच प्रतिशत ही जीएसटी लगेगा। इस प्रकार के कमरे को लेकर होटल मालिक इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का दावा नहीं कर सकेंगे।
अभी तक ही बताया जा रहा था कि 75 साल से कम किराए वाले कमरे पर होटल मालिक अगर आईटीसी का दावा करता है तो इन कमरों पर 18 % जीएसटी वसूल सकता है। लेकिन सरकार ने साफ कर दिया है कि इस प्रकार का कोई विकल्प नहीं है और ऐसी स्थिति में पांच प्रतिशत ही जीएसटी लगेगा।
वैसे ही सौंदर्य और शारीरिक प्रसाधन सेवा (जिम वगैरह) पर भी पांच प्रतिशत ही जीएसटी लगेगा और इस सेवा के लिए भी आईटीसी के साथ 18 % जीएसटी की सुविधा उपलब्ध नहीं होगी।
सरकार ने यह बताया है कि व्यक्तिगत रूप से खरीदे जाने वाले हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस को पूरी तरह से जीएसटी मुक्त होना चाहिए और उन पर कोई जीएसटी नहीं लगाई जाएगी।
