नेपाल में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। वहां की आर्मी ने कर्फ्यू लगा दिया है लेकिन सड़कों पर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा। इसकी गूंज अब भारत की सीमाओं तक पहुंच गई है और खुफिया एजेंसियां आगाह कर रही हैं कि इस माहौल का फायदा उठाकर कुछ शरारती लोग सीमा पार घुसपैठ या गड़बड़ी की कोशिश कर सकते हैं।
भारत नेपाल सीमा पर तैनात सुरक्षा बलों को अलर्ट कर दिया गया है। उत्तराखंड पुलिस, यूपी पुलिस, बिहार पुलिस और एसएसबी लगातार निगरानी कर रहे हैं। चौकसी बढ़ा दी गई है ताकि कोई संदिग्ध हरकत होते ही पकड़ा जा सके।
सीमावर्ती राज्यों में सुरक्षा इंतजाम और सख्त कर दिए गए हैं। उत्तराखंड में चंपावत और पिथौरागढ़ के इलाके खास नजर में हैं क्योंकि यहीं से नेपाल के कई हिस्सों से आवाजाही होती है। स्थानीय लोगों की चिंता भी बढ़ी है क्योंकि उनके कई परिजन नेपाल में फंसे हुए हैं। धारचूला बॉर्डर पर अतिरिक्त चेकिंग हो रही है और हर आने जाने वाले पर नजर रखी जा रही है।
बिहार के मधुबनी में एसएसबी पूरी तरह अलर्ट है। यहां पुलिस लगातार चौकसी कर रही है। एसपी योगेंद्र कुमार ने कहा कि हालात को देखते हुए सभी बॉर्डर थाने सतर्क हैं और फील्ड में तैनाती बढ़ा दी गई है। बॉर्डर पार करने वालों की आईडी जांच हो रही है और किसी को बिना चेकिंग आगे नहीं जाने दिया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश के सात जिलों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर और महाराजगंज में गश्त बढ़ा दी गई है। डीजीपी राजीव कृष्णा ने कहा कि चेकपॉइंट्स पर सख्ती है और संयुक्त गश्त की जा रही है। लखीमपुर खीरी के एसएसपी संकल्प शर्मा ने बताया कि बीएसएफ और दूसरी एजेंसियों से लगातार तालमेल रखा जा रहा है और हालात पर नजर है। गौरीफंटा बॉर्डर पर तनाव जरूर है लेकिन सुरक्षा बल नियंत्रण में हैं।
पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के पानीटांकी बॉर्डर पर भी अलर्ट जारी है। यहां चौबीसों घंटे निगरानी हो रही है। केंद्र और राज्य की सुरक्षा एजेंसियां मिलकर कोशिश कर रही हैं कि नेपाल की हिंसा का असर भारत की जमीन पर न दिखे और सीमा पूरी तरह सुरक्षित रहे।
