दक्षिण कोरिया के वैज्ञानिकों ने हड्डियों के इलाज को आसान बनाने वाली एक अनोखी तकनीक खोज निकाली है। सॉन्गक्यूंकवान यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने आमतौर पर इस्तेमाल होने वाली ग्लू गन को इस तरह बदला कि वह टूटी हुई हड्डियों पर सीधा हड्डी जैसा पदार्थ प्रिंट कर सके। अब तक यह तकनीक जानवरों पर आजमाई गई है और प्रयोग पूरी तरह सफल रहा है।
इस रिसर्च का नेतृत्व बायोमेडिकल इंजीनियर जंग सेउंग ली ने किया। उनका कहना है कि यह तकनीक ऑपरेशन के दौरान सीधे टूटी हड्डी पर स्कैफोल्ड बना देती है। खास बात यह है कि इसके लिए पहले से कोई मॉडलिंग या इमेजिंग की जरूरत नहीं होती। इसका मतलब यह है कि हड्डी की जटिल सर्जरी भी अब बिना ज्यादा परेशानी के की जा सकती है।
वैज्ञानिकों ने हड्डी की प्रिंटिंग के लिए पॉलीकैप्रोलैक्टोन और हाइड्रॉक्सीएपेटाइट नामक तत्वों का इस्तेमाल किया है। यह मिश्रण कम तापमान पर पिघलकर हड्डी जैसा ढांचा तैयार करता है और आसपास के ऊतकों को नुकसान भी नहीं पहुंचाता। रिसर्च टीम ने बताया कि सामग्री की मजबूती और टिकाऊपन बढ़ाने के लिए उन्होंने इसमें कई तरह के बदलाव किए हैं।
अध्ययन में यह भी सामने आया कि अगर इस तकनीक में एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल किया जाए तो संक्रमण का खतरा काफी हद तक कम किया जा सकता है। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि आने वाले समय में यह खोज इंसानों के लिए भी बड़ी राहत साबित होगी और टूटी हड्डियों के इलाज का तरीका पूरी तरह बदल देगा।
