साइबर अपराधियों ने लोगों की जमा पूंजी को हड़पने के लिए नए तरीके ईजाद किए हैं। अब ठग ओटीपी मांगने के बजाय सिर्फ ₹1 भेजने की बात कह कर पूरा खाता खाली कर रहे हैं।
ठगो ने इस नई चाल से कई लोगों को फंसा कर उनकी जिंदगी भर की जमा कमाई को अपने खाते में ट्रांसफर कर लिया। साइबर विशेषज्ञ ने बताया कि ठग काफी प्रशिक्षित होते हैं।
वह सबसे पहले लोगों को अपनी बातों में फसाते हैं और फिर बीमा पॉलिसी, किराया, सिम कार्ड या एटीएम एक्टिवेशन जैसी चीजों को लेकर फोन करते हैं फिर वह चेक करने के लिए ₹1 भेजने को कहते हैं ताकि वालों की एक साधारण ट्रांजैक्शन है ना की कोई धोखाधड़ी है।
इसके बाद जैसे ही व्यक्ति ठग के झांसे में आकर ₹1 यूपीआई या नेट बैंकिंग से भेजता है। साइबर अपराधी उसे मोबाइल नंबर या खाते की सारी जानकारी निकाल लेता है।
ऐसा ही एक मामला हल्द्वानी कोतवाली क्षेत्र के टीपी नगर में बीमा पॉलिसी के नाम पर सेवा के एक जवान को 10 अगस्त को फोन किया गया पॉलिसी एक्शन के नाम पर कुछ धनराशि जमा करने के लिए कहा गया ठगने सबसे पहले जवान से ₹1 भेजने को का ₹1 भेजने के बाद कुछ देर बाद उसके खाते से 57000 कट गए।
बनबसा निवासी एक कारोबारी के पास ऑनलाइन ऑर्डर के नाम पर फोन आया। सामान ऑर्डर के बाद जब व्यापारी ने पेमेंट के लिए कहा, तो ठग ने कहा कि पैसे ट्रांसफर नहीं हो पा रहे हैं। व्यापारी से एक रुपये डालने को कहा गया। विश्वास में आकर एक रुपये व्यापारी ने भेजा तो उसके खाते से 29 हजार रुपये उड़ा लिए।
ठगी से बचने को क्या करें
किसी अनजान को कोई रकम या दस्तावेज ना भेजें। खासकर जब संदिग्ध कारण हो।
किसी भी लिंक पर क्लिक न करें, वे खतरनाक ऐप या वेबसाइट तक आपको ले जा सकते हैं।
बैंक, बीमा कंपनी या सेवा प्रदाता से जुड़े ऐसे अनुरोध असल में आधिकारिक तरीके सही से जांचें।
हमेशा टू-स्टेप वेरिफिकेशन का इस्तेमाल करना
मोबाइल पर चलने वाले सभी ऐप को अपडेट रखना जरूरी है।
यूपीआई या नेट बैंकिंग में मजबूत पासवर्ड का इस्तेमाल करें।
