7 सितंबर को लगेगा साल का पहला पूर्ण चंद्र ग्रहण, दिन से ही लग जाएगा सूतक ,रात को होगा ब्लड मून का नजारा

7 सितंबर को भाद्रपद शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन आसमान में एक दुर्लभ नजारा दिखाई देगा जब संपूर्ण भारत में पूर्ण चंद्र ग्रहण देखा…

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7 सितंबर को भाद्रपद शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन आसमान में एक दुर्लभ नजारा दिखाई देगा जब संपूर्ण भारत में पूर्ण चंद्र ग्रहण देखा जा सकेगा। इस दिन रविवार की रात को लगने वाला यह ग्रहण खगोल विज्ञान के लिहाज से बेहद खास माना जा रहा है क्योंकि यह पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा जिसे आम भाषा में ब्लड मून कहा जाता है।

इस ग्रहण के दौरान चंद्रमा पूरी तरह से धरती की छाया में आ जाएगा और उसका रंग हल्का लाल या नारंगी दिखाई देगा। यही कारण है कि इसे ब्लड मून कहा जाता है। भारत के साथ एशिया अफ्रीका ऑस्ट्रेलिया यूरोप अंटार्कटिका पैसेफिक और हिंद महासागर से भी यह ग्रहण साफ नजर आएगा। चंद्र ग्रहण भारत में दिखने के कारण इसका धार्मिक महत्व भी रहेगा और सूतक काल मान्य होगा। चंद्र ग्रहण से ठीक नौ घंटे पहले सूतक शुरू हो जाएगा जिसमें किसी भी तरह के धार्मिक काम नहीं किए जाते और मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं।

ग्रहण की शुरुआत रात 9 बजकर 58 मिनट पर होगी और इसका समापन 8 सितंबर की तड़के 1 बजकर 26 मिनट पर होगा। यानी यह दृश्य करीब साढ़े तीन घंटे तक चलेगा। इस दौरान 11 बजकर 1 मिनट पर खग्रास आरंभ होगा और 11 बजकर 42 मिनट पर इसका चरम समय रहेगा जबकि रात 12 बजकर 22 मिनट पर खग्रास खत्म होगा। पूरी अवधि में यह नजारा लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा।

खग्रास की अवधि करीब एक घंटा इक्कीस मिनट की रहेगी जबकि पूरे ग्रहण की अवधि तीन घंटे अट्ठाईस मिनट से ज्यादा की होगी। उपच्छाया की अवधि पांच घंटे से अधिक की रहेगी। ग्रहण के चलते सूतक दोपहर 12 बजकर 19 मिनट पर शुरू हो जाएगा और रात 1 बजकर 26 मिनट तक चलेगा। बच्चों वृद्धों और बीमार लोगों के लिए सूतक की अवधि शाम 6 बजकर 36 मिनट से शुरू होगी और रात 1 बजकर 26 मिनट तक रहेगी।

आकाश में यह अद्भुत खगोलीय घटना एक बार फिर लोगों को हैरान करेगी और धार्मिक आस्थाओं से जुड़े लोग भी इसका पालन करेंगे। 7 सितंबर की रात यह नजारा भारत समेत पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बनेगा।