वैश्विक रेटिंग एजेंसी Moody’s (मूडीज) ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में अमेरिका और खास करके राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को डर में डाल दिया है।
Moody’s ने अमेरिका की सबसे ऊंची क्रेडिट रेटिंग AAA से घटाकर AA1 कर दी, यानी दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को एक तरह का डाउनग्रेड मिला है।
इस रिपोर्ट में न सिर्फ अमेरिका को आर्थिक रूप से झटका दिया है बल्कि ट्रंप की अमेरिका फर्स्ट नीति और भारत पर भारी टैरिफ लगाने के फैसले पर भी कई सारे सवाल खड़े कर दिए हैं।
अब लोगों के मन में यह सवाल आ रहा है कि आखिर यह Moody’s है कौन, इसका मालिक कौन है और क्या वाकई इसके पास इतनी ताकत है कि इसकी एक रिपोर्ट से डोनाल्ड ट्रंप को पॉलिटिकल डैमेज हो जाए।
Moody’s Corporation एक अमेरिकी कंपनी है, जो दुनिया की सबसे बड़ी क्रेडिट रेटिंग एजेंसी में से एक है। यह कंपनी सरकारी कंपनी और वित्तीय संस्थाओं की रेटिंग तय करती है, यानी यह बताता है कि कौन कितना भरोसेमंद कर्जदार है।
इसकी दो ब्रांच भी हैं जिसमें पहली Moody’s Ratings है, जो रेटिंग देने का काम करती है और दूसरी Moody’s Analytics है, जो डेटा, रिसर्च और एनालिसिस तैयार करती है. जब Moody’s किसी देश की क्रेडिट रेटिंग को घटती है तो उसकी इस रिपोर्ट का मतलब होता है कि आर्थिक विश्वसनीयता में कमी आई है।
हाल ही में अमेरिका के साथ भी ऐसा ही हुआ AAA से AA1 में गिरावट का मतलब है कि अब अमेरिका को ब्याज पर ज्यादा रकम चुकानी पड़ सकती है।
Moody’s एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी है यानी इसके मालिक वे लोग हैं जिनके पास इसके शेयर हैं। यह कंपनी New York Stock Exchange (NYSE) में MCO नाम से लिस्टेड है। इसके सबसे बड़े शेयरहोल्डर्स में कई लोग शामिल हैं।
Moody’s जॉन मुड़ी नाम के व्यक्ति ने शुरू की थी जिसे 1900 में अमेरिका में पहली बार स्टॉक और कंपनियों के रेटिंग रिपोर्ट में छपी थी। उसकी रिपोर्ट में बैंक को, खाद्य कंपनियां, माइनिंग और सरकारी एजेंटीयों की वित्तीय स्थिति को बताया गया था।
Moody’s की रेटिंग को दुनिया भर की सरकारें और निवेशक मान्यता देते हैं। कई निवेशक केवल उन्हीं देशों या कंपनियों में पैसा लगाते हैं जिनकी रेटिंग अच्छी होती है। Moody’s की रेटिंग्स शेयर बाजार और करेंसी मार्केट को प्रभावित करती हैं।
वहीं अमेरिका, भारत जैसे देश भी इसकी रिपोर्ट्स को नजरअंदाज नहीं कर सकते, क्योंकि उनके ऊपर निवेश और ब्याज दरें निर्भर करती हैं।
