रोकी गई चार धाम यात्रा, हेमकुंड साहिब भी नहीं जा पाएंगे श्रद्धालु, आईएमडी ने जारी किया रेड अलर्ट

उत्तराखंड में चार धाम यात्रा और हेमकुंड साहिब यात्रा 5 सितंबर तक के लिए रोक दी गई है। गढ़वाल मंडल आयुक्त ने बताया कि मौसम…

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उत्तराखंड में चार धाम यात्रा और हेमकुंड साहिब यात्रा 5 सितंबर तक के लिए रोक दी गई है। गढ़वाल मंडल आयुक्त ने बताया कि मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है।

इस अलर्ट को देखते हुए चार धाम यात्रा को रोकने का फैसला किया गया है। यह यात्रा नवंबर तक जारी रहने के आसार हैं। हालांकि फिलहाल खराब मौसम के वजह से इसे रोक दिया गया है।


उत्तराखंड की पवित्र चारधाम यात्रा (यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम) हर साल अप्रैल-मई में शुरू होती है और अक्टूबर-नवंबर में समाप्त होती है। यह यात्रा हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण है, जहां श्रद्धालु इन चार धामों के दर्शन करके पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति मानते हैं।


चार धाम यात्रा की शुरुआत धामो के कपाट खुलने के साथ होती है और इसका समापन कपाट बंद होने पर होता है। कपाट खुलने की तिथियां महाशिवरात्रि, अक्षय तृतीया आदि शुभ मुहूर्त पर तय होती है। इस साल यमुनोत्री के कपाट 30 अप्रैल को खुले थे और 2 नवंबर को यह बंद होंगे।


इस यात्रा के प्रमुख पड़ाव यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम हैं। हेमकुंड साहिब के कपाट 25 मई 2025 को खुले थे और अक्टूबर में बंद होंगे। यह सिख धर्म का महत्वपूर्ण तीर्थ है, जो चारधाम यात्रा के साथ जोड़ा जाता है।


कब बंद होंगे कपाट
यमुनोत्री के कपाट 30 अप्रैल को खुले थे और 2 नवंबर को बंद होंगे। यह यात्रा का प्रारंभिक पड़ाव है और देवी यमुना को समर्पित है।


गंगोत्री के कपाट 30 अप्रैल को खुले थे और 2 नवंबर को बंद होंगे। इसे गंगा नदी का उद्गम स्थल माना जाता है। यहां के कपाट अक्षय तृतीया पर खुलते हैं।


केदारनाथ के कपाट 2 मई को खुले थे और 15 नवंबर को बंद होंगे। यह देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।
बद्रीनाथ के कपाट 4 मई को खुले थे और 18 नवंबर को बंद होंगे। यह जगह भगवान विष्णु को समर्पित है और यात्रा का अंतिम पड़ाव है।