वैष्णो देवी मार्ग पर मलबे से निकले 35 शव, जम्मू में टूटा बारिश का 52 साल पुराना रिकॉर्ड, नेशनल हाईवे ठप

जम्मू कश्मीर में लगातार हो रही बारिश ने हालात बेहद गंभीर बना दिए हैं। कटरा में माता वैष्णो देवी मंदिर के पास मंगलवार को हुए…

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जम्मू कश्मीर में लगातार हो रही बारिश ने हालात बेहद गंभीर बना दिए हैं। कटरा में माता वैष्णो देवी मंदिर के पास मंगलवार को हुए भूस्खलन में गुरुवार सुबह तक मलबे से 35 शव निकाले जा चुके हैं। अधिकारियों ने बताया कि मृतकों में अधिकतर लोग उत्तर प्रदेश दिल्ली राजस्थान और मध्य प्रदेश के रहने वाले थे। अब तक 22 शवों की पहचान हो चुकी है और उनके परिजन कटरा पहुंच गए हैं। कानूनी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद शव परिवारों को सौंपे जा रहे हैं। इस हादसे के बाद यात्रा को रोक दिया गया था लेकिन बुधवार शाम पुराने मार्ग से आवाजाही शुरू कर दी गई।

सेना पुलिस और एसडीआरएफ की टीम मौके पर लगातार बचाव कार्य में जुटी हैं। घटना स्थल पर मशीनों का इस्तेमाल संभव नहीं है इसलिए पूरा अभियान हाथों से चलाया जा रहा है। इस भूस्खलन में घायल हुए बीस लोगों का अलग अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है। घटना मंगलवार दोपहर करीब तीन बजे अर्धकुंवारी के पास इंद्रप्रस्थ भोजनालय के समीप हुई थी। इस दौरान बारिश के कारण कटरा से मंदिर तक का रास्ता बंद हो गया।

बारिश और भूस्खलन से सिर्फ कटरा ही नहीं बल्कि जम्मू के अन्य हिस्सों में भी भारी तबाही हुई है। बाढ़ के चलते एक बीएसएफ जवान समेत चार और लोगों की मौत हो गई जिससे मरने वालों का आंकड़ा 39 तक पहुंच गया है। वहीं मौसम विभाग ने जानकारी दी कि जम्मू में 24 घंटे में 296 मिमी बारिश दर्ज की गई है जो पिछले 52 साल का रिकॉर्ड तोड़ चुकी है। इससे पहले 1973 में इतनी बारिश हुई थी।

तवी नदी के उफान ने हालात और बिगाड़ दिए हैं। यह नदी एक दिन में ही प्रचंड रूप ले बैठी और निचले इलाकों को जलमग्न कर दिया। पीरखो गुज्जर नगर गोरखा नगर समेत कई बस्तियां पानी में डूब गईं। सैकड़ों घर तबाह हो गए और हजारों लोग बेघर हो गए। सेना और एनडीआरएफ की टीम ने नावों का इस्तेमाल कर अब तक पांच से छह हजार लोगों को सुरक्षित निकाला है। अकेले पीरखो में तीन सौ से ज्यादा लोगों को बचाया गया जिनमें छोटे बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल रहे।

भारी बारिश के कारण जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग भी तीसरे दिन पूरी तरह से बंद है। उधमपुर से रामबन तक जगह जगह भूस्खलन ने आवाजाही रोक दी है। हाईवे बंद होने से पांच सौ से ज्यादा वाहन फंसे हुए हैं। अधिकारियों ने साफ किया है कि जब तक मौसम सामान्य नहीं होता और सड़क की मरम्मत पूरी नहीं हो जाती तब तक यातायात शुरू नहीं किया जाएगा।

लगातार हो रही बारिश से सैकड़ों घर और दुकानें डूब गई हैं। खेत खलिहान और पशुधन को भी नुकसान पहुंचा है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदी किनारे न जाएं और सुरक्षित स्थानों पर शरण लें। उधर मौसम विभाग ने अगले कुछ घंटों तक और बारिश का अनुमान जताया है जिससे हालात और चुनौतीपूर्ण बने रहने की आशंका है।