वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज ने इटारसी के रहने वाले आरिफ खान चिश्ती की ओर से दी गई किडनी दान की पेशकश को ठुकरा दिया है। महाराज की तरफ से साफ कहा गया कि यह भावना इंसानियत और आपसी भाईचारे की मिसाल है लेकिन वे आरिफ की किडनी स्वीकार नहीं करेंगे।
महाराज ने हालांकि आरिफ से मिलने की इच्छा जताई है और उन्हें वृंदावन बुलाया है। दरअसल इटारसी की न्यास कॉलोनी में रहने वाले आरिफ खान चिश्ती ने बीस अगस्त को कलेक्टर सोनिया मीणा के जरिए प्रेमानंद महाराज को पत्र भेजा था। इसके साथ ही उन्होंने ईमेल और व्हाट्सएप पर भी संदेश भेजकर यह इच्छा जताई थी कि वे अपनी एक किडनी दान करना चाहते हैं। आरिफ ने लिखा था कि प्रेमानंद महाराज हिंदू मुस्लिम एकता का प्रतीक हैं और समाज में शांति और प्रेम का संदेश देते हैं। उन्हें मीडिया से पता चला था कि महाराज की दोनों किडनियां खराब हो चुकी हैं इसलिए वे अपनी एक किडनी उन्हें देना चाहते हैं। प्रेमानंद महाराज फिलहाल ऑटोसोमल डॉमिनेंट पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज से जूझ रहे हैं और उनकी दोनों किडनियां फेल हो चुकी हैं।
इसी बीच शनिवार को महाराज के सहयोगी प्रतीक ने वृंदावन आश्रम से आरिफ को फोन किया। उन्होंने बताया कि आरिफ का संदेश महाराज तक पहुंच चुका है और उनकी सोच से महाराज बहुत प्रभावित हैं। प्रतीक ने कहा कि ऐसी भावना हर इंसान में होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि महाराज आरिफ से व्यक्तिगत रूप से मिलना चाहते हैं और जल्द ही उन्हें वृंदावन बुलाया जाएगा।
