वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इन दिनों महंगाई और टैक्स के मामलों में विपक्ष के निशाने पर रही हैं। हाल ही में मंत्रियों की एक बैठक में केंद्र सरकार ने जीएसटी के दो स्लैब खत्म करने के प्रस्ताव पर सहमति बना ली है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से अपने भाषण में कहा था कि इस दिवाली देशवासियों को बड़ा तोहफ़ा मिलने वाला है। उन्होंने बताया कि पिछले आठ साल में जीएसटी में सुधार किया गया है। टैक्स का बोझ कम किया गया और व्यवस्था को आसान बनाया गया। अब समय की मांग है कि इसका पुनरावलोकन किया जाए। उन्होंने बताया कि उच्च स्तरीय कमिटी बनाकर रिव्यू शुरू किया गया है और राज्यों से भी विचार-विमर्श किया गया।
प्रधानमंत्री ने दिवाली पर दोहरी राहत देने और टैक्स में बड़ी छूट देने का वादा किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसका सीधा असर हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस जैसी बीमा सेवाओं पर हो सकता है। केंद्रीय मंत्रियों ने 12 और 28 प्रतिशत स्लैब खत्म करने के प्रस्ताव पर सहमति दे दी है। यदि जीएसटी काउंसिल इसे मंजूर कर देती है तो 28 प्रतिशत पर लगने वाले टैक्स में कटौती होगी। इससे मोटरसाइकिल, साइकिल, ट्रैक्टर, बिजली से चलने वाले सिंचाई उपकरण, एसी, पंखे और कई अन्य वस्तुओं की कीमतें कम हो सकती हैं। वहीं 12 प्रतिशत स्लैब खत्म होने पर कंडेंस्ड मिल्क, बटर, घी, स्प्रेड चीज़, खजूर, जैम, फ्रूट जेली, नट्स, डायबिटिक फूड्स और ऑक्सीजन जैसी चीजों पर भी राहत मिलेगी।
पिछले साल पॉपकॉर्न पर अलग-अलग दरों से विवाद हुआ था। भारत में 2017 में जीएसटी लागू किया गया था। इससे अलग-अलग टैक्स हटाकर ‘एक देश एक कर’ की प्रणाली लाई गई थी। हालांकि विपक्ष और सोशल मीडिया पर इसे जटिल कर प्रणाली बताया जाता रहा है। भारत में जीएसटी के चार मुख्य स्लैब हैं 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत। कुछ वस्तुओं पर विशेष दरें भी लागू होती हैं, जैसे सोना, क़ीमती पत्थर, छोटे उत्पाद और रेस्तरां की सेवाओं पर।
हर साल जीएसटी काउंसिल की बैठक में दरों में बदलाव या नए टैक्स पर निर्णय लिया जाता है। राज्यों के पास जीएसटी पर सीमित अधिकार हैं। डीज़ल, पेट्रोल और शराब पर राज्य वैट तय कर सकते हैं, लेकिन अधिकांश मामलों में केंद्र सरकार की मंशा लागू होती है। निर्मला सीतारमण का कहना है कि सरकार की कोशिश है कि आम लोगों को टैक्स में राहत मिले और महंगाई कम हो। प्रधानमंत्री मोदी के भाषण और जीएसटी काउंसिल के प्रस्ताव से दिवाली पर आम जनता को कई वस्तुओं में राहत मिलने की संभावना है।
