भारतीय क्रिकेट में खिलाड़ियों की फिटनेस अब और सख्त तरीके से मापी जाएगी। टीम के स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग कोच एड्रियन ले रॉक्स ने ब्रोंको टेस्ट लागू करने का फैसला किया है। खिलाड़ी अब सिर्फ जिम या दौड़ पर निर्भर नहीं रहेंगे बल्कि इस नए टेस्ट से उनकी सहनशक्ति और गति दोनों की जांच होगी। ब्रोंको टेस्ट में खिलाड़ियों को 20 मीटर 40 मीटर और 60 मीटर की दूरी तय करते हुए लगातार शटल रन करने होते हैं और छह मिनट में पांच सेट पूरे करने होते हैं। इस तरह कुल 1200 मीटर की दौड़ पूरी करनी होती है। इस टेस्ट का मकसद खिलाड़ियों की एरोबिक क्षमता बढ़ाना और उन्हें लंबे समय तक लगातार प्रदर्शन करने लायक बनाना है।
एड्रियन ले रॉक्स ने तेज गेंदबाजों पर विशेष ध्यान देने की बात कही है। उनका मानना है कि जिम में समय बिताने से ज्यादा दौड़ने और लगातार रन करने से खिलाड़ियों की फिटनेस बेहतर होगी। हैड कोच गौतम गंभीर भी इस विचार से सहमत हैं। पिछली भारत और इंग्लैंड टेस्ट सीरीज में मोहम्मद सिराज को छोड़कर बाकी तेज गेंदबाजों की फिटनेस स्तर अपेक्षित नहीं था। जसप्रीत बुमराह भी पूरे पांच मैच नहीं खेल पाए थे। ब्रोंको टेस्ट से टीम की तेज गेंदबाजी मजबूत होगी और खिलाड़ी लंबे समय तक मैदान पर लगातार खेल सकेंगे।
