हिमाचल में मूसलधार बारिश से तबाही , कुल्लू में भारी नुकसान और दर्जनों घर जमींदोज़

हिमाचल प्रदेश में मानसून का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। भारी बारिश के साथ बादल फटने और भूस्खलन ने लोगों की मुश्किलें और बढ़ा…

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हिमाचल प्रदेश में मानसून का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। भारी बारिश के साथ बादल फटने और भूस्खलन ने लोगों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। नदियां और नाले उफान पर हैं जिससे कई जगहों पर घर दुकानों और सड़कें बह गईं। हालात यह हैं कि कई जिलों में जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो चुका है।

राज्य आपात केंद्र की ताजा रिपोर्ट बताती है कि पिछले चौबीस घंटे में सत्तर से ज्यादा घर टूटे हैं। पूरे सीजन में अब तक छियासठ जगह भूस्खलन हुआ है चौहत्तर बार बाढ़ और छत्तीस बार बादल फटने की घटनाएं सामने आई हैं।

कुल्लू जिला सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। यहां बीती रात कई इलाकों में नालों ने तबाही मचाई। खेत और जमीन बह गई। पिरडी गांव में तीन गाड़ियां पानी में बह गईं और भुंतर बाजार में पानी भर गया। मणिकर्ण घाटी में मकान और पुलिया टूट गईं। निरमंड और बंजार इलाके में भी कई मकान और गौशालाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं।

सिरमौर जिले के पांवटा साहिब में बाता और यमुना नदी खतरनाक स्तर पर बह रही हैं। इससे एनएच 707 पर यातायात रुक गया और आसपास के मोहल्लों में पानी घुस गया।

शिमला करसोग मार्ग पर तत्तापानी के पास सड़क का एक हिस्सा ढह गया। सतलुज नदी का पानी लगातार ऊपर जा रहा है जिससे सुन्नी तत्तापानी का पुल खतरे में है। सिरमौर जिले में गिरि जटोंन डैम से छोड़ा गया पानी निचले गांवों के लिए खतरा बन गया है।

बिलासपुर जिले में आसमान से गिरी बिजली ने चार मवेशियों की जान ले ली और एक महिला घायल हो गई। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। प्रशासन ने पीड़ित परिवार को मदद का भरोसा दिया है।

मुख्यमंत्री ने सभी जिलों में नुकसान का जायजा लिया और अफसरों को प्रभावित परिवारों तक तुरंत राहत पहुंचाने को कहा। रविवार शाम तक तीन नेशनल हाईवे और सैकड़ों सड़कें बंद रहीं। मंडी जिले में दो सौ से ज्यादा सड़कें ठप पड़ी हैं। कुल्लू सिरमौर और कांगड़ा में भी यातायात पूरी तरह बाधित है।

मंडी जिले के कटुआला में चौबीस घंटे में एक सौ बीस मिलीमीटर बारिश हुई। कांगड़ा और नगरोटा सूरियां में एक सौ दस मिलीमीटर और नाहन में सौ मिलीमीटर दर्ज की गई।

अब तक के आंकड़े बताते हैं कि इस मानसून में दो सौ तिरसठ लोगों की जान जा चुकी है। सैकड़ों घायल हुए हैं और कई लापता हैं। मृतकों में सबसे ज्यादा मंडी कांगड़ा और चंबा जिले के लोग हैं।

बारिश ने मकानों और पशुशालाओं को भी बुरी तरह तबाह किया है। अब तक दो हजार चार सौ से ज्यादा मकान टूट चुके हैं। सैकड़ों दुकानें और हजारों पशुशालाएं खत्म हो गईं। अकेले मंडी जिले में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है।

सरकारी आकलन के मुताबिक अब तक राज्य को दो हजार से ज्यादा करोड़ का आर्थिक नुकसान हो चुका है। लोक निर्माण और जलशक्ति विभाग को ही हजारों करोड़ की क्षति पहुंची है। बिजली व्यवस्था भी चरमराई हुई है। एक हजार से ज्यादा ट्रांसफार्मर ठप हैं। सैकड़ों पेयजल योजनाएं भी बंद पड़ी हैं।

बारिश से अब तक सोलह सौ से ज्यादा पालतू जानवर और हजारों पोल्ट्री पक्षी मारे जा चुके हैं। सिर्फ पिछले चौबीस घंटे में इकहत्तर घर टूटे हैं जिनमें चालीस से ज्यादा मंडी जिले में हैं। हिमाचल में मानसून की यह मार अभी थमने का नाम नहीं ले रही है।