देहरादून। उत्तराखंड में बारिश लगातार जारी है। पहाड़ों में हालात आपदा जैसे बन गए हैं। मैदानी इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बनती जा रही है। नदी नाले उफान पर हैं। कई जगह लोगों को खतरा बढ़ गया है। अब तक इस आपदा में 42 लोगों की मौत हो चुकी है। कई लोग घायल हैं। सड़कों और घरों को भी भारी नुकसान हुआ है। मौसम विभाग ने भारी बारिश का अनुमान जताया है। आपदा प्रबंधन विभाग ने सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं।
उत्तराखंड आपातकालीन परिचालन केंद्र की जानकारी के मुताबिक इस वर्ष 1 जून से 15 अगस्त तक प्राकृतिक आपदाओं में 42 लोग जान गंवा चुके हैं। 40 लोग घायल हुए हैं। कई लोग फंसे हुए हैं। जानवरों को भी काफी नुकसान हुआ है। इस दौरान 48 बड़े पशु और 89 छोटे पशु मारे गए हैं। मकानों को भी नुकसान पहुंचा है। 1594 मकानों का कुछ हिस्सा और 63 मकानों का आधे से अधिक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है। 40 मकान पूरी तरह बर्बाद हो गए हैं। 29 गौशालाएं भी नुकसान झेल चुकी हैं। उत्तरकाशी के धराली में राहत बचाव का काम जारी है। अब तक 1308 यात्रियों और स्थानीय लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है।
धराली में प्रभावित लोगों को खाने पीने का सामान उपलब्ध कराया जा रहा है। बारिश और भूस्खलन की वजह से 169 सड़कें बाधित हैं। जिनमें 7 राष्ट्रीय राजमार्ग, 6 राज्य मार्ग, 1 बॉर्डर रोड, 57 पीडब्ल्यूडी की सड़कें और 96 पीएमजीएसवाई की सड़कें शामिल हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र का कहना है कि अगले कुछ दिन भी अधिकांश क्षेत्रों में बारिश जारी रह सकती है। 17 अगस्त को देहरादून, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में भारी बारिश का अनुमान जताते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। 18 से 20 अगस्त तक कुछ हिस्सों में भारी बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।
