नैनीताल जिले में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव को लेकर जबरदस्त बवाल मचा हुआ है। हालात इस कदर बिगड़े कि भाजपा और कांग्रेस दोनों एक दूसरे पर अपने समर्थक जिला पंचायत सदस्यों के अपहरण का आरोप लगाने लगे। भाजपा की ओर से प्रत्याशी दीपा दर्मवाल ने पुलिस में तहरीर दी है जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि कांग्रेस के बड़े नेताओं ने उनके समर्थकों को डरा धमकाकर गायब करने की कोशिश की है। दीपा ने कहा कि चार जिला पंचायत सदस्य अचानक लापता हो गए हैं और इसके पीछे विपक्ष का हाथ है। उन्होंने ये भी कहा कि कांग्रेस नेताओं ने उनके समर्थकों के साथ मारपीट की है और पूरे चुनाव को प्रभावित करने की साजिश की जा रही है।
इस पूरे घटनाक्रम के बीच कांग्रेस ने भी पलटवार करते हुए भाजपा और पुलिस पर संगीन आरोप लगाए हैं। कांग्रेस का कहना है कि उनके चार समर्थक जिला पंचायत सदस्यों का सरेआम अपहरण किया गया है और पुलिस भी इस खेल में शामिल है। कांग्रेस का दावा है कि उनके नेताओं के साथ बदसलूकी और हाथापाई की गई है। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य का कहना है कि उनके साथ भी कुछ लोगों ने मारपीट की और इस बात की शिकायत उन्होंने डीजीपी से फोन पर की है। कांग्रेस की महिला प्रत्याशी के साथ भी मारपीट हुई और उसे थप्पड़ मारा गया ये आरोप भी सामने आए हैं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा कि जब शांतिपूर्ण तरीके से मतदान चल रहा था तो कांग्रेस के लोग एक गैंग की तरह चुनाव को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने सवाल उठाया कि जिन जिला पंचायत सदस्यों ने जीत हासिल की उनके प्रमाण पत्र कांग्रेस के पास कैसे पहुंचे जबकि ये तो सदस्यों के पास होने चाहिए थे। महेंद्र भट्ट ने साफ तौर पर कांग्रेस पर लोकतंत्र का अपमान करने और भाजपा की महिला प्रत्याशी के साथ मारपीट करने का इल्जाम लगाया है।
फिलहाल उत्तराखंड के कई जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव हो रहे हैं। जिनमें से पांच जिलों में भाजपा पहले ही निर्विरोध जीत दर्ज कर चुकी है लेकिन सात जिलों में मुकाबला हो रहा है। इनमें नैनीताल सबसे ज्यादा विवाद और हंगामे की वजह से चर्चा में है जहां हालात काफी तनावपूर्ण बने हुए हैं और पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।
