नैनीताल: उत्तराखंड में युवाओं के लिए पैराग्लाइडिंग अब सिर्फ सपना नहीं रहेगा। राज्य सरकार सितंबर से जिलेवार पैराग्लाइडिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू कर रही है। इसमें स्विट्जरलैंड और तुर्किए के पैराग्लाइडिंग विशेषज्ञ सीधे उत्तराखंड आएंगे ताकि युवाओं को प्रशिक्षित किया जा सके। पर्यटन सचिव धीरज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि राज्य की ऊंची चोटियों और खूबसूरत घाटियों में पैराग्लाइडिंग के बहुत मौके हैं। पहले चरण में 141 ऐसे युवाओं को ट्रेनिंग दी जाएगी जिनके पास पहले से इस खेल का अनुभव या जानकारी है। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद उन्हें लाइसेंस मिलेगा जिससे वे टेंडम पायलट बनकर दूरदराज के पर्वतीय क्षेत्रों में पैराग्लाइडिंग केंद्र खोल सकेंगे। पहले चरण की ट्रेनिंग चंपावत में आयोजित होगी। पहले युवाओं को इस प्रशिक्षण के लिए हिमाचल प्रदेश जाना पड़ता था लेकिन अब यह सुविधा सीधे उत्तराखंड में मिलेगी। मॉनसून खत्म होते ही योजना को लागू किया जाएगा। इससे युवा न केवल रोमांच की ऊंचाइयों तक पहुंचेंगे बल्कि अपने गांव और शहर में रोजगार के नए अवसर भी तलाश पाएंगे। इससे पलायन पर भी रोक लगेगी।
सचिव धीरज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि प्रशिक्षण उनके गृह क्षेत्र में ही दिया जाएगा। इसके बाद वे अपने इलाके में पैराग्लाइडिंग पर्यटन को बढ़ावा देंगे। सरकार इस योजना के लिए करीब एक करोड़ रुपए की मदद भी करेगी। अभी तक कमर्शियल लाइसेंस युवाओं को नहीं मिल पाए थे क्योंकि P1 और P2 कोर्स के बाद एसआईवी कोर्स और सौ घंटे की फ्लाइंग पूरी करनी होती थी जो युवा पूरी नहीं कर पाते थे। APPI के मानकों के अनुसार पचास फ्लाइंग पूरा करने के बाद ही एग्जाम पास कर लाइसेंस मिलता है। यह व्यवस्था अभी तक उत्तराखंड में पूरी तरह लागू नहीं हो पाई। इस योजना से अब युवा अपने क्षेत्र में ही पैराग्लाइडिंग के प्रशिक्षण और पर्यटन के अवसर प्राप्त कर सकेंगे और राज्य का रोमांचक पर्यटन भी बढ़ेगा।
