रामनगर में बारिश से टूटी उम्मीदें,गर्जिया मंदिर के पास कोसी ने सब कुछ बहा दिया, छीन गया दुकानदारों की जिंदगी का सहारा

रामनगर में आसमान से बरसी आफत ने कोसी किनारे बसे गरीब दुकानदारों को बुरी तरह झकझोर दिया है। नैनीताल जिले के इस इलाके में बीती…

रामनगर में आसमान से बरसी आफत ने कोसी किनारे बसे गरीब दुकानदारों को बुरी तरह झकझोर दिया है। नैनीताल जिले के इस इलाके में बीती रात हुई मूसलधार बारिश के बाद कोसी नदी उफान पर आ गई। सुबह जैसे ही अंधेरा छंटा तो गर्जिया मंदिर के पास मौजूद करीब पंद्रह प्रसाद की दुकानें पानी में समा चुकी थीं। टीन और लकड़ी से बनी ये अस्थायी दुकानें कुछ ही मिनटों में बह गईं।

दो दिन से लगातार हो रही बारिश ने पहले ही खतरे का संकेत दे दिया था। मंदिर के पुजारी जीतेंद्र पांडे ने बताया कि रात को ही सभी प्रसाद विक्रेताओं को चेतावनी दे दी गई थी कि नदी का बहाव किसी भी वक्त बढ़ सकता है। कई दुकानदारों ने रात में ही सामान समेट लिया था लेकिन कुछ लोग देर कर गए। सुबह होते ही नदी का रुख ऐसा बदला कि बहाव में सब कुछ बह गया।

जो लोग उस वक्त वहां मौजूद थे उन्होंने बताया कि पानी की रफ्तार इतनी तेज थी कि देखते ही देखते दुकानें आंखों के सामने बह गईं। कुछ लोगों ने मोबाइल में इसका वीडियो भी बनाया जिसमें साफ दिख रहा है कि कैसे दुकानों को कोसी अपने साथ बहा ले गई।

दुकानदार शिबू पांडे की आवाज में दर्द साफ झलक रहा था। उन्होंने कहा कि करीब पंद्रह दुकानें थीं जिनमें से कई का पूरा सामान भी चला गया। जिनकी पूरी जिंदगी इन दुकानों से जुड़ी थी उनके लिए ये बारिश सिर्फ पानी नहीं बल्कि सब कुछ बहा ले गई है। उन्होंने कहा कि गरीब के पास दूसरा कोई सहारा नहीं होता। यही दुकान ही तो उसका संसार होता है।

इसी बारिश ने बुधवार को एक और हादसे को भी जन्म दे दिया। रामनगर काशीपुर हाईवे पर चलते ऑटो पर एक विशालकाय पेड़ अचानक गिर पड़ा। ऑटो चला रहे ड्राइवर को चोट लगी जबकि पीछे बैठे दो लोगों को हल्की चोटें आई हैं। घटना के बाद हाईवे पर लंबा जाम लग गया। करीब दो घंटे तक गाड़ियां फंसी रहीं और अफरातफरी मच गई।

रामनगर में फिलहाल मौसम ठीक नहीं है और बारिश का सिलसिला थमा नहीं है। लोगों में डर है कि अगर पानी फिर से बढ़ा तो नुकसान और बड़ा हो सकता है। प्रशासन अलर्ट पर है लेकिन हालात कब सुधरेंगे इसका किसी को अंदाजा नहीं है।