उत्तरकाशी जिले का धराली गांव इस वक्त बुरी तरह तबाही की चपेट में है। यहां सुबह बादल फटने की वजह से पूरा इलाका हिल गया है। बाजार पूरी तरह उजड़ चुका है। कई मकान और होटल मलबे के नीचे दब गये हैं। लोगों के हताहत होने की खबरें भी सामने आ रही हैं। इस हादसे ने पूरे इलाके को दहशत में डाल दिया है।
धराली में स्थित कल्प केदार मंदिर भी इस बाढ़ में बह गया है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित था और इसे बहुत ही प्राचीन माना जाता था। बताया जाता है कि यह मंदिर केदारनाथ से भी पुराना था और इसका इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ था।
यह मंदिर कत्यूर शिखर शैली में बना था और इसका गर्भगृह काफी नीचे था। इसमें भगवान शिव की मूर्ति स्थापित थी। गंगोत्री जाने वाले श्रद्धालु धराली में रुककर इस मंदिर के दर्शन जरूर करते थे।
चारधाम यात्रा के दौरान धराली एक अहम पड़ाव के रूप में जाना जाता है। गंगोत्री जाने वाले यात्री यहां कुछ देर आराम करते हैं। धराली का वातावरण बेहद शांत और आकर्षक होता है। चारों तरफ घने जंगल बर्फ से ढकी पहाड़ियां और ठंडी हवाएं यहां की खास पहचान हैं। यही वजह है कि तीर्थयात्री इस जगह को बेहद पसंद करते हैं।
धराली से गंगोत्री की दूरी लगभग 11 किलोमीटर है। इसलिए यह जगह गंगोत्री यात्रियों के लिए एक सुविधाजनक पड़ाव बन जाती है। कल्प केदार मंदिर की वजह से भी यह गांव तीर्थाटन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका था।
अब जब बादल फटा है तो पूरे गांव का हाल बेहाल है। बताया जा रहा है कि धराली के खीरगाड़ क्षेत्र में आई भारी बाढ़ ने चार लोगों की जान ले ली है। कई और लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है। राहत और बचाव के लिए प्रशासन के साथ सेना एसडीआरएफ एनडीआरएफ की टीमें मौके पर जुट चुकी हैं। हर तरफ अफरा तफरी का माहौल है और लोग डरे हुए हैं।
