लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने पूरे प्रदेश में जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। उत्तरकाशी में खीरगंगा नदी के उफान पर आने से कई इलाकों में तबाही का मंजर देखा जा रहा है। हालात की गंभीरता को देखते हुए नैनीताल जिला प्रशासन भी पूरी तरह सतर्क हो गया है।
जिले भर में नदियों और नालों के किनारे लगातार निगरानी की जा रही है। संवेदनशील इलाकों में एसडीएम की देखरेख में निरीक्षण किया जा रहा है। साथ ही तेज बहाव वाले स्थानों के पास लोगों की आवाजाही पर सख्ती बरती जा रही है। एडीएम विवेक रॉय ने स्पष्ट किया है कि भारी बारिश के कारण जिन रास्तों पर मलबा आया है, उन्हें युद्धस्तर पर साफ किया जा रहा है।
नैनीताल–हल्द्वानी राष्ट्रीय राजमार्ग, जो कुछ समय के लिए बाधित हुआ था, अब दोबारा खोल दिया गया है। वहीं रामनगर–भुजान, भंडारपानी और गार्जिया–घुघुतियाताल मार्गों पर भी यातायात बहाल कर दिया गया है। हालांकि अभी भी नौ सड़कें बंद हैं, जिन पर जेसीबी मशीनों के जरिए मलबा हटाने का काम जारी है।
प्रशासन ने कहा है कि अगर हालात और बिगड़ते हैं, तो उससे निपटने की पूरी तैयारी की जा चुकी है। जिले के सभी आपात संसाधनों को एक्टिव मोड पर रखा गया है।
प्रशासन की अपील:
नैनीताल के एडीएम विवेक रॉय ने आमजन से अपील की है कि वे अनावश्यक रूप से घरों से बाहर न निकलें। बारिश और तेज बहाव से दूर रहें, और स्वयं को सुरक्षित रखें। प्रशासन हर स्थिति पर नजर बनाए हुए है, लेकिन सतर्कता और सहयोग से ही बड़ी घटनाओं से बचा जा सकता है।
