बैंक में अगर कोई काम करवाना होता है तो साइन और अंगूठे के निशान लगाए जाते हैं। कई बार इसकी वजह से लोगों को काफी परेशानियां भी होती हैं। इन दिक्कतों से लोगों को निजात दिलाने के लिए इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक ने आधार बेस्ड और सर्टिफिकेशन सर्विस की शुरुआत कर दी है।
ये सुविधा डिजिटल इंडिया की ओर बड़ा कदम है, यानी अब पैसे के लेनदेन या कामों के लिए साइन की जरूरत नहीं पड़ेगी।
फेस ऑथेंटिकेशन क्यों जरूरी है?
यह नई सेवा खासकर बुजुर्गों और दिव्यांग जनों के लिए शुरू की गई है जहां साइंस से लेकर ओटीपी तक का इंतजार नहीं करना पड़ेगा वह फेस ऑथेंटिकेशन से बैंकिंग सुविधाओं का लाभ उठा पाएंगे। IPPB का कहना है कि प्रक्रिया पूरी तरह से सेफ है। इसे UIDAI की तकनीक से समझकर तैयार किया गया है।
फेस ऑथेंटिकेशन के फायदे
अक्सर बैंक से जुड़े कामों में ओटीपी की जरूरत होती है। कई बार नंबर खो जाने या फिर अन्य दिक्कतो से ओटीपी नहीं आता है और हमारा काम रुक जाता है। ऐसे में फेस ऑथेंटिकेशन से सीधा पैसों के साथ लेनदेन किया जा सकता है।ज्यादातर लोग बैंक में समय बीतने पर नाराजगी भी दिखाते हैं। ऐसे में यह सर्विस जल्द से जल्द काम निपटा देगी और यूजर एक्सपीरियंस को भी बेहतर बनाएगी।
इस सुविधा का लाभ लेनदेन के अलावा, बैलेंस देखने, खाता खोले, पैसे ट्रांसफर करने के अलावा बिल भरने में उठाया जा सकता है।
फेस ऑथेंटिकेशन क्या है?
यह एक तरह का ऑथेंटिकेशन पासवर्ड है जिसकी मदद से आप कई तरह के काम कर सकते हैं। यह बायोमेट्रिक सुरक्षा तकनीक है जो किसी इंसान की पहचान सुरक्षित करने के लिए चेहरे का इस्तेमाल करती है।
फेस ऑथेंटिकेशन कैसे करते हैं?
यह आसान प्रक्रिया यह हर फोन में फेस लॉक की तरह होती है। यह हर फोन में फेस लॉक की तरह काम करती है। यहां सेटिंग में जाकर चेहरा स्कैन करना होता है और तीन चार स्टेप में यह प्रक्रिया पूरी हो जाती है।
फेस ऑथेंटिकेशन फेल होने पर क्या करें ?
अगर आपकी डिवाइस चेहरा नहीं पहचान पा रही है तो रोशनी का ध्यान रखें लाइट कम ज्यादा होने की वजह से भी और नोटिफिकेशन फेल हो जाता है। इसके साथ कैमरे को साफ करें और फोन को सही दूरी पर रखें। यदि फेस ऑथेंटिकेशन किसी सरकारी काम में नहीं हो रहा है तो बायोमैट्रिक अपडेट करें। इसके अलावा फिंगरप्रिंट ओटीपी ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।
