हरिद्वार के बहादराबाद क्षेत्र में एक निजी अस्पताल में डिलीवरी के दौरान दो गर्भवती महिलाओं की मौत हो गई। दोनों ने बच्चों को जन्म देने के कुछ ही देर बाद दम तोड़ दिया। घटना के बाद अस्पताल में अफरातफरी मच गई और परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। पुलिस मौके पर पहुंची और हालात को काबू में लिया।
बताया गया कि मृतकों में एक का नाम मीनाक्षी था जो सहारनपुर की रहने वाली थी और दूसरी खुशबू थी जो छोटी नारसन की निवासी थी। दोनों को प्रसव के लिए आत्मालपुर बोंगला स्थित अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मीनाक्षी ने बेटे को जन्म दिया और खुशबू ने बेटी को। बच्चों की हालत फिलहाल ठीक है लेकिन मां की मौत के कारण दोनों ही परिवारों में मातम पसर गया है।
परिजनों का आरोप है कि दोनों महिलाओं की हालत बिगड़ने पर भी अस्पताल प्रबंधन ने समय पर गंभीरता नहीं दिखाई। मीनाक्षी के परिवार वालों ने बताया कि ऑपरेशन के वक्त खून की जरूरत पड़ी लेकिन डॉक्टरों ने समय पर ब्लड नहीं चढ़ाया जिससे उसकी हालत और बिगड़ती चली गई। वहीं खुशबू को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी लेकिन अस्पताल प्रशासन ने उसे देर से दूसरे हॉस्पिटल रेफर किया। इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।
परिजन यह भी कहते हैं कि अस्पताल में उस समय कोई अनुभवी डॉक्टर मौजूद नहीं था और स्टाफ भी अयोग्य था। उनका कहना है कि अगर समय रहते उचित इलाज मिलता तो दोनों की जान बचाई जा सकती थी। महिलाओं की मौत की खबर फैलते ही लोगों की भीड़ अस्पताल पहुंच गई और उन्होंने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।
घटना की सूचना मिलते ही बहादराबाद थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को संभालने की कोशिश की। भारी पुलिस बल की मौजूदगी में भी परिजन आरोप लगाते रहे कि पुलिस उनके साथ भी दुर्व्यवहार कर रही है। ग्रामीणों का गुस्सा इस बात को लेकर भी था कि अस्पताल प्रबंधन न तो सही जवाब दे रहा है और न ही मीडिया से बात कर रहा है।
इस पूरी घटना पर एसपी सिटी पंकज गैरोला ने कहा है कि मामला सामने आया है और इसकी जांच की जा रही है। जो भी तथ्य सामने आएंगे उनके अनुसार कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल मृत महिलाओं के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और पुलिस सभी पहलुओं की जांच में जुट गई है।
जहां इन दोनों घरों में बच्चों के जन्म की खुशी होनी थी वहां मातम पसरा है। सवाल यह उठता है कि क्या लापरवाही से दो जिंदगियां यूं ही चली जाएंगी या कोई ठोस कदम भी उठाया जाएगा।
