बग्वालीरौतेला ग्राम पंचायत (ताड़ीखेत ब्लाक) की मुखिया बनी हेमा आर्या समाजशास्त्र में एमए है। उन्होंने पटवारी भारती का फॉर्म भी भरा था लेकिन पेपर लीक हो गया था जिसकी वजह से यह परीक्षा रद्द कर दी गई थी। तब से वह रानीखेत बाजार में स्थित मेडिकल स्टोर में काम कर रही थी।
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के बीच 26 वर्षीय इस जागरूक युवा ने पंचायत चुनाव करीब देख ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ने का मन बना लिया। उनके मन में सामाजिक बदलाव, गांव में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए लड़ना और शिक्षित होने के नाते सरकारी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना है
उसके पिता मनोज कुमार 10 वर्ष पूर्व दुनिया से चले गए थे। माता रामादेवी आंगनबाड़ी केंद्र में सहायिका पद पर है। उन्होंने कहा कि उनके घर की आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं है।
बड़ा भाई ललित कुमार दिल्ली के प्राइवेट कंपनी में काम करता है। अविवाहित दीदी पूजा शिशु मंदिर में पढ़ती है लेकिन अब उन्होंने यह भी छोड़ दिया।
छोटी बहन तारा जंतु विज्ञान में एमएससी कर चुकी है और नौकरी की तलाश में है।
पूर्व प्रधान रह चुके चाचा भुवन चंद्र ने उसका हौसला बढ़ाया। वह कहती है कि गांव में वह सबसे पहले मेडिकल स्टोर खुलवाएगी ताकि दवा के लिए ग्रामीणों को रात आधी रात इधर-उधर ना जाना पड़े फिर गांव को मॉडल बनाने का प्रारूप भी तैयार किया जाएगा।
