हिमाचल में बारिश बनी आफत, मंडी में बादल फटा, जनजीवन अस्तव्यस्त

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में एक बार फिर कुदरत ने कहर बरपा दिया है। सोमवार की रात शहर में अचानक बादल फटने से हालात…

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हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में एक बार फिर कुदरत ने कहर बरपा दिया है। सोमवार की रात शहर में अचानक बादल फटने से हालात पूरी तरह बेकाबू हो गए। तेज बारिश और बादल फटने की वजह से सुकाटी नालों में जबरदस्त उफान आ गया जिससे पानी और मलबा शहर की गलियों में पांच किलोमीटर तक फैल गया। जेल रोड सैनी मोहल्ला और जोनल अस्पताल वाला इलाका सबसे ज्यादा बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। रात के सन्नाटे में अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन ने पूरे इलाके को दहशत में डाल दिया।

इस हादसे में अब तक तीन लोगों की जान चली गई है। एक व्यक्ति घायल है जबकि एक महिला का अब तक कोई सुराग नहीं लगा है। रातभर एनडीआरएफ पुलिस होमगार्ड पीडब्ल्यूडी जल शक्ति और बिजली विभाग की टीमें राहत बचाव में लगी रहीं। अब तक पंद्रह से बीस लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। कई घरों में पानी घुस गया है और बीस से ज्यादा गाड़ियां मलबे में दब चुकी हैं। हालात को देखते हुए प्रशासन ने मंडी सदर क्षेत्र के सभी स्कूल कॉलेज और आंगनवाड़ी केंद्र बंद कर दिए हैं।

विपाशा सदन में राहत शिविर लगाया गया है जहां प्रभावित लोगों को रखा जा रहा है। चंडीगढ़ मनाली नेशनल हाईवे के कई हिस्से बह चुके हैं जिससे रास्ते पूरी तरह बंद हो गए हैं। कई इलाकों में लगातार बारिश से बिजली भी ठप हो गई है। बीते एक महीने में मंडी जिले में बारिश की वजह से अब तक पंद्रह लोगों की जान जा चुकी है और अब इस नई आपदा ने मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।

मौसम विभाग ने मंडी कांगड़ा और कुल्लू में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है जबकि शिमला चंबा और सिरमौर के लिए येलो अलर्ट दिया गया है। अब तक के सरकारी आंकड़ों की मानें तो इस बार के मानसून से हिमाचल को एक हजार पांच सौ तेईस करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। प्रदेश भर में अब तक नब्बे लोगों की जान जा चुकी है और पैंतीस लोग अब भी लापता हैं।