कारगिल विजय दिवस पर राष्ट्र ने झुककर किया सलाम, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने वीरों को दी श्रद्धांजलि

नई दिल्ली से बड़ी खबर सामने आई है जहां आज देश भर में कारगिल विजय दिवस मनाया जा रहा है। इस मौके पर देश की…

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नई दिल्ली से बड़ी खबर सामने आई है जहां आज देश भर में कारगिल विजय दिवस मनाया जा रहा है। इस मौके पर देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए वीर जवानों के बलिदान को याद किया और लिखा कि यह दिन हमारे सैनिकों की हिम्मत और देशभक्ति का प्रतीक है। उनकी कुर्बानी आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरणा देती रहेगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मौके पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि यह दिन हमें उन वीर सपूतों की याद दिलाता है जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया। उनके जज्बे और शौर्य को देश कभी नहीं भूल सकता।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज सुबह राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पहुंचे और उन्होंने कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों को नमन किया। इस दौरान तीनों सेनाओं के प्रमुख भी मौजूद रहे। रक्षा मंत्री ने इस मौके पर कहा कि दुर्गम इलाकों और कठिन हालात में भी हमारे सैनिकों ने देश का झंडा ऊंचा रखा और उनके साहस की मिसाल दुनिया भर में दी जाती है।

कारगिल विजय दिवस के मौके पर देश के अलग अलग हिस्सों में श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। दिल्ली के युद्ध स्मारक पर केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने पुष्प अर्पित कर शहीदों को याद किया। केंद्रीय राज्य मंत्री संजय सेठ भी सैनिकों को श्रद्धांजलि देने पहुंचे। इस दौरान सीडीएस अनिल चौहान के साथ थल सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमणि वायुसेना प्रमुख एपी सिंह और नौसेना प्रमुख दिनेश त्रिपाठी भी मौजूद रहे।

कारगिल युद्ध की बात करें तो यह लड़ाई दो महीने से भी ज्यादा चली थी। 26 जुलाई 1999 को भारत ने इस युद्ध में ऐतिहासिक जीत हासिल की थी। दुश्मन ने सर्दियों में चुपके से भारत की ऊंची पोस्टों पर कब्जा कर लिया था लेकिन भारतीय सेना ने एक एक पहाड़ी को फिर से वापस लिया और दुश्मन को पीछे खदेड़ दिया।

इस युद्ध में भारतीय वायुसेना की भूमिका भी बेहद अहम रही। वायुसेना ने ऑपरेशन सफेद सागर के तहत दुश्मन के ठिकानों को निशाना बनाया और ये साबित किया कि बिना सीमा लांघे भी हवाई ताकत से युद्ध की दिशा बदली जा सकती है।

26 मई 1999 को शुरू हुआ ये ऑपरेशन कश्मीर में 1971 के बाद पहला बड़ा हवाई अभियान था। जिसमें सीमित संसाधनों से भी शानदार सफलता हासिल की गई थी।

आज जब देश कारगिल विजय दिवस मना रहा है तो हर किसी की आंखों में अपने शहीदों की यादें ताजा हैं और सीना गर्व से चौड़ा है। ये दिन हर भारतीय को उन जांबाजों की कुर्बानी याद दिलाता है जिन्होंने देश की खातिर अपनी जान दे दी लेकिन तिरंगे को झुकने नहीं दिया।