उत्तराखंड के स्कूलों की हालत पर सख्त हुए सीएम धामी,जर्जर भवनों और टूटी दीवारों को लेकर सभी स्कूलों का होगा सुरक्षा ऑडिट

देहरादून से एक बड़ी खबर सामने आई है। उत्तराखंड के स्कूलों की खराब स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अब सख्त हो गए हैं।…

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देहरादून से एक बड़ी खबर सामने आई है। उत्तराखंड के स्कूलों की खराब स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अब सख्त हो गए हैं। लगातार हो रही बरसात के बीच राज्य के कई स्कूलों में छत से पानी टपकने और दीवारें गिरने की घटनाएं सामने आई हैं। इससे न सिर्फ पढ़ाई प्रभावित हो रही है बल्कि बच्चों की जान का भी खतरा बना हुआ है।

गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास पर हुई एक अहम बैठक में सीएम धामी ने सभी जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश के हर सरकारी स्कूल भवन का सुरक्षा ऑडिट कराया जाए। मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि जिन स्कूलों की इमारतें जर्जर हालत में हैं वहां बच्चों को किसी भी हालत में नहीं बैठाया जाएगा। अगर मरम्मत से काम चल सकता है तो तुरंत मरम्मत कराई जाए। जहां स्थिति ज्यादा खराब हो वहां पुनर्निर्माण की योजना तुरंत बनाई जाए।

शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक वर्तमान में उत्तराखंड में कुल 15,873 सरकारी स्कूल हैं। इनमें से 2,210 स्कूल ऐसे हैं जिनकी हालत बेहद खराब है। वहीं 3,691 स्कूल ऐसे हैं जिनके चारों ओर कोई बाउंड्री वॉल तक नहीं है। इसके अलावा 547 स्कूलों में लड़कों के लिए शौचालय नहीं है। 361 स्कूलों में लड़कियों के लिए टॉयलेट नहीं बना है और 130 स्कूलों में बच्चों के लिए पीने के पानी की भी व्यवस्था नहीं है।

हालांकि सरकार कई बार यह दावा करती रही है कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों की हालत सुधर चुकी है। लेकिन शिक्षा विभाग के ये आंकड़े खुद ही इन दावों की पोल खोलते नजर आ रहे हैं।

मुख्यमंत्री धामी ने स्कूलों के साथ साथ राज्य के सभी पुलों का भी सुरक्षा ऑडिट कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जिन पुलों की हालत खराब हो चुकी है उनकी मरम्मत या पुनर्निर्माण का काम प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। और यह भी सुनिश्चित किया जाए कि पुलों की निगरानी नियमित रूप से होती रहे।

बैठक में मुख्यमंत्री ने त्रियुगीनारायण समेत उन सभी स्थलों पर भी चर्चा की जिन्हें वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जा रहा है। सीएम ने कहा कि इन स्थलों पर काम में तेजी लाई जाए ताकि राज्य में पर्यटन और स्थानीय लोगों को रोजगार दोनों का विकास हो सके। उन्होंने अफसरों से कहा कि अन्य राज्यों की वेडिंग पॉलिसी का भी अध्ययन किया जाए ताकि उत्तराखंड में एक असरदार और आकर्षक नीति बनाई जा सके।

मुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में कहा है कि बच्चों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। स्कूलों की हालत पर अब सिर्फ फाइलों में काम नहीं चलेगा बल्कि जमीन पर असर नजर आना चाहिए।