भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद देश की सियासत में अचानक गहमागहमी तेज हो गई है। विपक्ष जो अब तक उन पर सत्ता पक्ष के पक्षपात का आरोप लगाता रहा था, अब उनके प्रति सहानुभूति जताते हुए इस्तीफे को दबाव में लिया गया कदम बता रहा है। वहीं सत्ता पक्ष ने चुप्पी साध रखी है और पूरी सतर्कता के साथ अगले नाम को लेकर रणनीति बना रहा है।
धनखड़ ने अपने इस्तीफे में स्वास्थ्य कारणों का हवाला जरूर दिया, लेकिन राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा गर्म है कि उन्होंने यह कदम दबाव में उठाया है। ऐसे में अब उपराष्ट्रपति पद के लिए नए चेहरों पर मंथन शुरू हो गया है और चुनाव आयोग ने प्रक्रिया की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं।
बिहार से सबसे मजबूत दावेदारी, कई नाम चर्चा में
सबसे दिलचस्प बात यह है कि उपराष्ट्रपति पद की दौड़ में इस बार सबसे मजबूत दावेदारी बिहार से सामने आ रही है। सबसे आगे नाम है केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का, जो एक उदारवादी मुस्लिम चेहरा माने जाते हैं। वे तीन तलाक और अनुच्छेद 370 जैसे मुद्दों पर खुलकर मोदी सरकार का समर्थन कर चुके हैं। माना जा रहा है कि भाजपा उन्हें उपराष्ट्रपति बनाकर बिहार और देश के मुस्लिम समाज को एक खास संदेश देना चाहती है।
बिहार से ही हरिवंश नारायण सिंह का नाम भी प्रमुखता से लिया जा रहा है। वे राज्यसभा के उपसभापति रह चुके हैं और पार्टी नेतृत्व के साथ उनका अच्छा तालमेल रहा है। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के पुत्र रामनाथ ठाकुर का नाम भी तेजी से उभरा है। रामनाथ को उनके पिता के मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किए जाने के बाद राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। संभावना जताई जा रही है कि एनडीए उन्हें उम्मीदवार बनाकर बिहार की सामाजिक समीकरणों में नया सन्देश देने की कोशिश कर सकती है।
नीतीश कुमार पर भी नजरें, लेकिन मामला अटका हुआ
इस रेस में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम भी शामिल है, लेकिन वे खुद अब तक इस विषय में मौन हैं। खबरें हैं कि उन्हें उपराष्ट्रपति बनाने का प्रस्ताव रखा गया था, लेकिन उनकी चिंता अपने बेटे निशांत को लेकर है, जिसे वे राजनीति में स्थापित करना चाहते हैं। ऐसे में वे अभी चुनावी मैदान छोड़ने के मूड में नहीं दिख रहे हैं।
तमिलनाडु और तेलंगाना की तरफ भी भाजपा की नजर
महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी चंद्रशेखर और वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण भी इस पद के संभावित दावेदारों में गिने जा रहे हैं, खासकर तमिलनाडु में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए। वहीं तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने भी उपराष्ट्रपति पद के लिए हरियाणा के राज्यपाल और भाजपा के वरिष्ठ नेता बंडारू दत्तात्रेय का नाम उछाल कर राज्य की भागीदारी की मांग की है।
अन्य नामों में कौन-कौन शामिल
इस रेस में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, पूर्व मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, कांग्रेस नेता शशि थरूर, राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, सिक्किम के राज्यपाल ओमप्रकाश माथुर और कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत के नाम भी गिने जा रहे हैं।
विपक्ष अब तक चुप, लेकिन बाजी एनडीए के पाले में
विपक्ष की ओर से अभी तक किसी भी संभावित उम्मीदवार के नाम की चर्चा नहीं की गई है, जबकि एनडीए के पास आंकड़ों में स्पष्ट बढ़त है। ऐसे में यह लगभग तय माना जा रहा है कि अगला उपराष्ट्रपति भी सत्ता पक्ष का ही होगा। अब देखना यह होगा कि भाजपा सामाजिक और क्षेत्रीय समीकरणों को देखते हुए किस नाम पर अंतिम मुहर लगाती है।
