उत्तराखंड में पंचायत चुनाव नजदीक हैं और ऐसे में प्रशासन ने कमर कस ली है। जिन इलाकों में मोबाइल या नेटवर्क की सुविधा नहीं है वहां अब पुलिस के वायरलेस और सेटेलाइट फोन का सहारा लिया जाएगा। मंगलवार को राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने सभी नोडल अफसरों के साथ बैठक करके यह साफ कर दिया है कि कोई भी गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए।
यह बैठक वर्चुअल तरीके से हुई जिसमें लोक निर्माण विभाग से लेकर स्वास्थ्य विभाग परिवहन पुलिस प्रशासन और आपदा प्रबंधन से जुड़े अफसर शामिल रहे। राज्य निर्वाचन आयुक्त ने सभी से कहा कि चुनाव के दौरान कंट्रोल रूम चौबीसों घंटे खुले रहेंगे। किसी भी कोने से अगर कोई जानकारी आती है तो तुरंत उस पर कार्रवाई होनी चाहिए और टीमें हर वक्त तैयार रहें।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर कहीं रास्ता बंद हो जाता है तो लोक निर्माण विभाग और बाकी संबंधित विभाग मिलकर जल्द से जल्द उसे खोलें ताकि पोलिंग पार्टियां समय से अपनी जगह पर पहुंच सकें। संचार का कोई भी जरिया बंद नहीं होना चाहिए इस पर भी खास ध्यान देने के लिए कहा गया।
मौसम और सड़कों की हालत पर हर जिले के डीएम और प्रेक्षक की नजर रहेगी। निर्वाचन आयोग के सचिव राहुल गोयल ने बताया कि हर टीम को सतर्क कर दिया गया है। सभी अधिकारी पूरी जिम्मेदारी के साथ अपने काम में जुटे हैं और उनका मकसद यही है कि पोलिंग पार्टियां सुरक्षित और सही समय पर पहुंचें और चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से निपट जाए।
