उत्तराखंड में पंचायत चुनाव के बीच राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में कर्मचारियों के पदोन्नति और तबादलों को लेकर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं थी। राज्य निर्वाचन आयोग ने अब यह स्पष्ट कर दिया है की पदोन्नति की प्रक्रिया चयन वर्ष समाप्त होने से पहले पुरी की जा सकती है लेकिन तबादलों के लिए अभी इंतजार करना होगा।
31 जुलाई की समयसीमा के अनुसार, चयन वर्ष इसी दिन समाप्त हो रहा है, इसलिए कर्मचारियों और अधिकारियों की पदोन्नति और स्थानांतरण की प्रक्रिया भी इसी तारीख तक पूरी होनी चाहिए। हालांकि, पंचायत चुनावों के कारण आदर्श आचार संहिता लागू है, जिससे तबादलों में असमंजस उत्पन्न हो रहा है।
आयोग ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि विभाग पदोन्नति से संबंधित सभी प्रक्रियाएं जैसे कि विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक और आदेश जारी करना हो सकता है। लेकिन आचार संहिता लागू रहने तक कोई भी ट्रांसफर नहीं होगा। इस स्थिति में यह माना जा रहा है कि स्थानांतरण की प्रक्रिया पंचायत चुनाव के बाद ही आगे बढ़ेगी।
चुनाव के दौरान शासन प्रशासन की सामान्य कार्यप्रणाली पर भी प्रभाव पड़ता है। कई विभागों ने आवश्यक परियोजनाओं और निविदाओं के लिए आयोग से अनुमति मांगी है। आयोग का कहना है कि जिन कार्यों को चुनाव के बाद भी पूरा किया जा सकता है, उन्हें रोका जा रहा है। केवल आपात स्थितियों में ही अनुमति दी जा रही है।
आयोग के अनुसार, प्रतिदिन औसतन छह आवेदन मिलते हैं, जिनमें से तीन को मंजूरी दी जाती है और तीन को नामंजूर कर दिया जाता है।
